Gonda News: बृजभूषण को साइडलाइन करना बीजेपी के लिए आसान नहीं!
लोकसभा चुनाव के बाद से ही अपने निजी हेलीकॉप्टर से यूपी को मथ रहे हैं पूर्व बाहुबली सांसद
Gonda News/A.R.Usmani: “वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों।” पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह कविता की इन पंक्तियों को अक्सर अपने भाषणों में दोहराया करते हैं। उन्हें करीब से जानने-समझने वाले कहते हैं कि यही उनके जीवन का आधार रहा है। छात्र जीवन से लेकर राजनीतिक करियर में तमाम उतार-चढ़ाव देखने वाले बृजभूषण को आसान राहों का सफर अच्छा नहीं लगता।
कुश्ती के अखाड़े के पहलवान रहे बृजभूषण शरण सिंह को राजनीति का योद्धा माना जाता है। मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह और उनके पुत्र गोण्डा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह तथा रिजवान ज़हीर जैसे दिग्गज नेताओं को चुनावी रण में शिकस्त देने वाले बृजभूषण यूं ही बाहुबली नहीं कहे जाते हैं, बल्कि राजनीति में कायम उनका दबदबा ही उन्हें बाहुबलियों की फेहरिस्त में लाकर खड़ा करता है।
बृजभूषण शरण सिंह के तेवर में नरमी नहीं
हालांकि, अस्तबल में घोड़ों को काबू में करने वाले इस राजनीतिज्ञ के सितारे पिछले वर्ष से गर्दिश में चल रहे हैं। महिला पहलवानों के यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण को इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव न लड़ाकर उनके छोटे बेटे करन भूषण सिंह को कैसरगंज से मैदान में उतारा था। हालांकि, खुद चुनाव न लड़ पाने का बृजभूषण को आज भी मलाल है, जो टीस बनकर आए दिन उभरता रहता है। बृजभूषण शरण को करीब से जानने-समझने वाले कहते हैं कि वह ऐसे नेताओं में से नहीं हैं, जो पार्टी का हर फैसला स्वीकार कर लें। जब फैसला अपने मुताबिक न हो तो वे तेवर दिखाने में जरा सा भी नहीं हिचकते हैं।
पूर्वांचल के राजपूत वोटर्स पर भी बृजभूषण की मजबूत पकड़
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से उनका छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर नीति से लेकर अपराधियों के एनकाउंटर तक पर बृजभूषण सार्वजनिक रूप से सवाल खड़े कर चुके हैं। बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से पहले गोण्डा और बलरामपुर (अब श्रावस्ती) लोकसभा सीट से भी सांसद रह चुके हैं। उनका अयोध्या, गोण्डा, श्रावस्ती, बहराइच, बस्ती में भी अच्छा प्रभाव माना जाता है। पूर्वांचल के राजपूत वोटर्स पर भी बृजभूषण की मजबूत पकड़ मानी जा रही है।
इसके इतर लोकसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा उन्हें टिकट नहीं दिया गया। हालांकि, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व यह अच्छी तरह जानता है कि बृजभूषण शरण सिंह को साइड लाइन करना आसान नहीं है, क्योंकि इससे पार्टी को बड़ा नुक़सान हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ, लोकसभा चुनाव के बाद से ही पूर्व बाहुबली सांसद अपने निजी हेलीकॉप्टर से उत्तर प्रदेश को मथ रहे हैं।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को क्या संदेश देना चाहते हैं बृजभूषण शरण सिंह?
मैनपुर, इटावा, झांसी के साथ ही गोण्डा, बहराइच, अयोध्या समेत अन्य जनपदों में भी वे ताबड़तोड़ कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं और अपनी बेबाकी के चलते मीडिया की सुर्खियां भी बन रहे हैं। बृजभूषण द्वारा लगातार किए जा रहे दौरों से राजनीति में हलचल मचने के साथ ही कयासबाजी का दौर भी शुरू है। बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश के कोने-कोने तक अपनी आमद दर्ज कराकर बृजभूषण शरण सिंह आखिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को क्या संदेश देना चाहते हैं?
तो विधानसभा चुनाव में बड़ा कदम उठा सकते हैं बृजभूषण!
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह जिस तरह से लोकसभा चुनाव के बाद से पूरे उत्तर प्रदेश को मथ रहे हैं और लगातार कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, उससे राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि पूर्व सांसद आगामी विधानसभा चुनाव से पहले किसी राजनीतिक पार्टी का गठन कर सकते हैं। वहीं, सियासी हल्कों में यह भी चर्चा है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पूर्व बृजभूषण शरण सिंह एक बड़े राजनीतिक दल में अपनी शर्तों के आधार पर शामिल हो सकते हैं! हालांकि, बृजभूषण सिंह इन कयासों को सिरे से खारिज करते हैं।
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