Gonda News : डीएम नेहा शर्मा ने अपने ही आदेश को किया नजरंदाज!
24 सितंबर को झंझरी ब्लाक के निरीक्षण व अन्य कार्यक्रमों में प्रमुख की जगह मौजूद रहे प्रतिनिधि
सन्देश वाहक डिजिटल डेस्क/ गोंडा, एआर उस्मानी
Gonda News : बसपा शासनकाल में जिलाधिकारी रहे तेज तर्रार आईएएस रामबहादुर ने जिले में ‘खड़ाऊं राज’ पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। करीब 18 साल बाद 2 जुलाई को डीएम नेहा शर्मा ने भी फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया कि अब क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत समेत किसी भी शासकीय बैठक में अगर प्रतिनिधि दिखे, तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। डीएम का यह आदेश मंगलवार को उनकी मौजूदगी में ही मजाक साबित हुआ।
बताते चलें कि 2 जुलाई 2024 को जनपद की तेज़ तर्रार जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया कि ग्राम प्रधान एवं ब्लॉक प्रमुख के स्थान पर उनका कोई प्रतिनिधि शासकीय बैठकों में शामिल नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यदि किसी कार्यालय में अनधिकृत व्यक्ति द्वारा शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप अथवा कार्यालय के उपयोग की अनाधिकार चेष्टा की जाती है तो तत्काल इसकी सूचना थाना प्रभारी को दी जाए। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
दरअसल, जिले में प्राय: ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि ग्राम एवं विकास खंड स्तर पर शासकीय कार्यालय में ग्राम प्रधान एवं ब्लॉक प्रमुख के स्थान पर अनधिकृत लोग उनके प्रतिनिधि बनकर बैठते हैं तथा बैठकों में भी भाग लेते हैं। अनधिकृत लोगों के द्वारा शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप किए जाने की भी शिकायतें मिल रही थीं। चूंकि प्रतिनिधि की व्यवस्था सिर्फ सांसद व विधायकों के लिए मान्य है और इनकी अनुपस्थिति में ये प्रतिनिधि शासकीय बैठकों में शामिल होते हैं। लेकिन यह व्यवस्था ग्राम एवं क्षेत्र पंचायत स्तरीय कार्यालयों में भी देखने को मिल रही थी।
इसी के मद्देनजर डीएम नेहा शर्मा द्वारा सख्त फरमान जारी किया गया था, लेकिन मंगलवार को झंझरी विकास खंड के निरीक्षण के दौरान ब्लाक प्रमुख रेखा मिश्रा नदारद रहीं और पूरे कार्यक्रम में प्रमुख प्रतिनिधि आशीष मिश्रा ही डीएम नेहा शर्मा व सीडीओ अंकिता जैन के साथ दिखाई दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ब्लॉक परिसर में तैयार किए गए ओपेन जिम एवं अमर शहीद लांसनायक सुनील कुमार तिवारी की स्मृति में बैडमिंटन स्टेडियम कोर्ट का फीता काटकर शुभारंभ किया तो वहां भी ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि आशीष मिश्रा फीता पकड़े नजर आए।
इसके साथ ही ब्लॉक परिसर में स्वयं सहायता समूह के द्वारा लगाए गए दुकानों का जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा अवलोकन किया गया। इस दौरान कदम-कदम पर डीएम के साथ प्रमुख प्रतिनिधि आशीष मिश्रा दिखाई दिए। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है। लोगों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि डीएम नेहा शर्मा ने अपने ही आदेश को कैसे दरकिनार कर दिया?
डीएम ने प्रतिनिधि को लेकर दिया था ये आदेश
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने 2 जुलाई को जो फरमान जारी किया था उसमें कहा गया था कि वास्तविक जनप्रतिनिधि के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उनका प्रतिनिधित्व अथवा शासकीय कार्यों का संपादन अपराध की श्रेणी में आता है। अतः यह आदेशित किया गया है कि ग्राम तथा क्षेत्र पंचायत स्तरीय कार्यालयों में वास्तविक जनप्रतिनिधि के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को संबंधित जनप्रतिनिधि के कार्यालय का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कार्यालयाध्यक्ष को सौंपी गई।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि यदि कोई इस तरह का कृत्य करने की चेष्टा भी करता है तो तत्काल इसकी सूचना स्थानीय थाना प्रभारी को देने के साथ ही जिला स्तर के वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को भेजनी होगी। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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