Gonda: भू-माफिया बृजेश अवस्थी के दो मंजिला मकान पर चला बुलडोजर, नजूल की संपत्ति पर किया था कब्जा
Gonda Crime News: गोंडा जिले के कचहरी रेलवे स्टेशन के पास नजूल की जमीन पर बने भूमाफिया बृजेश अवस्थी के दो मंजिला आलीशान मकान को रविवार को ढहा दिया गया। इस अवैध मकान को ढहाने की कार्रवाई शनिवार को ही शुरू की गयी थी लेकिन भवन ऊंचा होने के कारण जेसीबी से गिराने में दिक्कतें आ रही थीं। इससे मकान को ढहाने की कार्रवाई रोक दी गई थी। रविवार को पोकलैंड मशीन लगाकर मकान को जमींदोज कर दिया गया।
जेल में बंद है भू-माफिया बृजेश अवस्थी, भूमि घोटाले के 46 मामलों में आ चुका है नाम
नगर कोतवाली क्षेत्र के भदुआ तरहर गांव निवासी भूमाफिया बृजेश अवस्थी ने नजूल की जमीन पर दो मंजिला मकान बनवा लिया था। प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए उसने नजदीकी रिश्तेदार चांदनी शुक्ला के नाम सौ रुपये के स्टांप पर इस मकान का विक्रय विलेख लिख दिया। भूमि बैनामा घोटाले के करीब 46 मामलों में नाम आने पर बृजेश की गिरफ्तारी हो चुकी है और वह जिला कारागार में निरुद्ध है। शासन द्वारा नई नजूल नीति तय होने के बाद डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर मकान को ढहाने की कार्रवाई शनिवार को शुरू हुई।
मकान के कई हिस्से पूरी तरह तोड़ दिए गए, लेकिन उसे पूरी तरह से ढहाया नहीं जा सका, क्योंकि इमारत ऊंची होने के कारण जेसीबी मशीन से ढहाने में दिक्कतें आ रही थीं। इसलिए पोकलैंड मंगाने की बात कही गई। रविवार को पोकलैंड लगाकर दोमंजिला मकान को जमींदोज कर दिया गया। कचहरी रेलवे स्टेशन की चारदीवारी और सड़क के बीच के नजूल के भूखंड पर कई और अवैध भवन खड़े हैं।
नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा ने बताया कि सभी को नोटिस देकर अभिलेख मांगे जाएंगे। परीक्षण करके नई नजूल नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मौके पर ही भूमाफिया बृजेश अवस्थी के अवैध भवन पर कार्रवाई के साथ ही स्टेशन तक बने अन्य भवनों को भी चिह्नित किया गया। कई के विद्युत कनेक्शन कटवा दिए गए हैं। नगर मजिस्ट्रेट ने नगर पालिका से पूरी रिपोर्ट मांगी है।
आंखें मूंंदे रहे जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
जिस नजूल भूखंड पर हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई है, वह नगर पालिका परिषद के संपत्ति रजिस्टर (45) में सड़क पुख्ता मुत्तसिल कचहरी स्टेशन के नाम पर दर्ज बताया जा रहा है। इसके बावजूद इस भूखंड पर दो मंजिला भवन बन गया और पालिका के जिम्मेदार आंखें मूंदे रहे। रविवार को भले ही नजूल की जमीन पर बनाए गए मकान को ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि नजूल की जमीन पर कब्जे के समय चुप्पी साधे रखने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
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