Gonda: सपा कार्यकर्ता की हत्या का मुख्य आरोपी बीजेपी नेता गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

Sandesh Wahak Digital Desk: प्रदेश में गोंडा जिले के परसपुर इलाके में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता की घर में घुसकर की गई हत्या के मामले में भाजपा सभासद को पुलिस और विशेष अभियान दल (एसओजी) के संयुक्त दल ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बुधवार को यहां बताया कि परसपुर कस्बे के मोहल्ला राजा टोला निवासी सपा कार्यकर्ता ओम प्रकाश सिंह (45) की चुनावी रंजिश के कारण पिछले शुक्रवार को दिनदहाड़े उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में मृतक की पत्नी की तहरीर पर भाजपा सभासद उदयभान सिंह उर्फ लल्लन सिंह और उसके तीन बेटों समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने घोषित किया था 25 हजार का ईनाम

उन्होंने बताया कि घटना में शामिल दो नामजद आरोपियों चंदन सिंह और रोहित को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी उदयभान सिंह पुलिस की पकड़ से दूर था। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मंगलवार रात मुखबिर की सूचना पर कर्नलगंज-बेलसर-नवाबगंज मार्ग पर परसपुर थाने की पुलिस और एसओजी ने उदयभान की घेराबंदी की तो उसने पुलिस पर गोलियां चलाईं। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई जवाबी गोलीबारी में गोली लगने से उदयभान जख्मी हो गया। उसे मौके पर गिरफ्तार कर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके पास से एक मोटर साइकिल, अवैध तमंचा आदि बरामद किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्थानीय थाने की पुलिस अग्रिम विधिक कार्रवाई कर रही है। सपा कार्यकर्ता के परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर अभियुक्तों की मदद करने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था तथा शव को सड़क पर रखकर धरना प्रदर्शन किया था।

सपा प्रतिनिधिमंडल ने दी थी पांच लाख की आर्थिक मदद

इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मृतक सपा कार्यकर्ता ओम प्रकाश सिंह के घर पहुंचा और पीड़ित परिवार को पार्टी की तरफ से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। प्रतिनिधिमंडल ने न्याय दिलाने के लिए उनकी हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मृतक की बेटी ने स्थानीय पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए घटना की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की। परिजनों ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा आर्थिक सहायता की मांग भी की।

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