Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
Trending
- Big News : Supreme Court का यूट्यूब चैनल हैक, दिख रही क्रिप्टोकरेंसी की जानकारी
- गोरखपुर में सीएम योगी का लगा जनता दरबार, 300 लोगों की सुनी समस्या
- गोरखनाथ मंदिर में ‘पुंगनूर गाय’ का सीएम योगी ने किया स्वागत, अपने हाथों से खिलाया गुड़
- CM योगी ने दिव्यांग छात्र को दिया स्मार्ट फोन, बाहर निकलते ही किसी ने छीन लिया
- PM मोदी आज करेंगे महाराष्ट्र का दौरा, पीएम विश्वकर्मा कार्यक्रम में लेंगे भाग
- Lucknow: 60 हजार करोड़ की ठगी में शामिल शाइन सिटी का वाइस प्रेसीडेंट गिरफ्तार, 50 हजार का था इनाम
- Tirupati Prasadam: तिरुपति के प्रसाद में मिला फिश ऑयल, लड्डुओं के सैंपल में हुई पुष्टि
- UP Politics: अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कसा तंज, बोले- ये मामला तो STF को सौंपा जाना चाहिए
- Gorakhpur: CM योगी ने किया ‘फ्लोटिंग रेस्टोरेंट’ का उद्घाटन, मंच से सांसद रवि किशन की ली चुटकी
- दिल्ली में बोले संजय सिंह-भाजपा ‘One Nation, One Corruption’ और ‘One Nation, One Commission’ वाली पार्टी
Get real time updates directly on you device, subscribe now.
Sandesh Wahak Digital Desk: लैंगिक समानता के मामले में भारत का स्थान 146 देशों में 127वां हो गया है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट, 2023 के अनुसार भारत की स्थिति में पिछले साल की तुलना में आठ स्थान का सुधार हुआ है। डब्ल्यूईएफ ने 2022 की अपनी रिपोर्ट में वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक में भारत को 146 में 135वें स्थान पर रखा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली बार से भारत की स्थिति में 1.4 प्रतिशत अंकों और आठ स्थानों का सुधार हुआ है और यह 2020 के समानता स्तर की ओर आंशिक रूप से पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार देश में शिक्षा के सभी स्तरों पर पंजीकरण में समानता प्राप्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपने 64.3 प्रतिशत लैंगिक अंतराल को पाट दिया है। हालांकि, इसमें रेखांकित किया गया है कि आर्थिक सहभागिता और अवसर को लेकर भारत केवल 36.7 प्रतिशत समानता के स्तर पर पहुंचा है।
भारत से आगे है पड़ोसी देश
इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देशों-पाकिस्तान का स्थान 142वां है जबकि बांग्लादेश का 59वां स्थान, चीन का 107वां स्थान, नेपाल का 116वां स्थान, श्रीलंका का 115वां स्थान और भूटान का 103वां स्थान है। आइसलैंड लगातार 14वें साल दुनिया का सबसे अधिक लैंगिक समानता वाला देश बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जहां महिलाओं के वेतन और आय के मामले में थोड़ी वृद्धि हुई है, वहीं वरिष्ठ पदों और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी पिछली रिपोर्ट के बाद से मामूली कम हुई है। राजनीतिक सशक्तीकरण पर, भारत ने 25.3 प्रतिशत समानता हासिल की है, जिसमें सांसदों में 15.1 महिलाएं हैं। यह 2006 में आई पहली रिपोर्ट के बाद से देश में महिला सांसदों की सर्वाधिक संख्या है।
वर्ष 2006 से जारी होता रहा है ये सूचकांक
साल 2006 से हो रहे इस अध्ययन में शामिल देशों के निरंतर नमूने के आधार पर पिछले संस्करण की तुलना में दक्षिण एशिया के आंकड़े में 1.1 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है। यह सुधार आंशिक रूप से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे अधिक आबादी वाले देशों के आंकड़े में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।