Gautam Adani और Mukesh Ambani दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से बाहर, संपत्ति में गिरावट

Sandesh Wahak Digital Desk : भारत के प्रमुख उद्योगपतियों, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की संपत्ति में हालिया गिरावट के कारण वे अब दुनिया के टॉप 10 अमीरों की सूची से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग के अरबपति सूचकांक (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार, दोनों की नेट वर्थ $100 बिलियन के नीचे गिरने के बाद यह स्थिति बनी है। जहां एक ओर टेस्ला के CEO एलोन मस्क ने हाल ही में इतिहास में पहली बार $400 बिलियन की संपत्ति का आंकड़ा पार किया है, वहीं भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में यह गिरावट सामने आई है।

मुकेश अंबानी की संपत्ति में गिरावट

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की संपत्ति जुलाई में $120.8 बिलियन से घटकर $96.7 बिलियन हो गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण उनके कंपनी के प्रमुख व्यवसायों—ऊर्जा और रिटेल—में कमजोरी देखी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में दबाव बना हुआ है, खासकर बढ़ते कर्ज़ और चीन से आने वाले सस्ते सामानों की बढ़ती मांग के कारण कंपनी के निर्यात पर असर पड़ा है। इसके साथ ही भारत में खुदरा खर्च (retail spending) में भी गिरावट देखी गई है, जिससे रिलायंस के रिटेल कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। इन कारणों से अंबानी की संपत्ति में भारी गिरावट आई है।

मुकेश अंबानी का कारोबार खासतौर पर ऊर्जा (oil & gas) और खुदरा (retail) क्षेत्र में विस्तारित है, और इन दोनों ही क्षेत्रों में कठिनाइयों के चलते उनकी संपत्ति में यह गिरावट आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर्ज़ पर भी चिंता जताई गई है, जिससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है। यही वजह है कि अंबानी को टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर होना पड़ा।

Gautam Adani और Mukesh Ambani दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से बाहर, संपत्ति में गिरावट

गौतम अडानी की संपत्ति में भी गिरावट

गौतम अडानी की संपत्ति भी गिरकर $82.1 बिलियन हो गई है, जो जून में $122.3 बिलियन थी। अडानी की संपत्ति में यह गिरावट अमेरिकी न्याय विभाग (U.S. Department of Justice) द्वारा अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी की जांच शुरू किए जाने के कारण आई है। अडानी समूह पर आरोप है कि उसने भारतीय अधिकारियों को बड़े पैमाने पर रिश्वत दी, ताकि उसे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लाभकारी अनुबंध मिल सकें। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है और स्पष्ट किया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी (जो अडानी ग्रीन एनर्जी के प्रमुख हैं) पर किसी प्रकार का रिश्वतखोरी का आरोप नहीं है।

अडानी समूह का कारोबार मुख्यत: ऊर्जा, बंदरगाह और अवसंरचना (infrastructure) क्षेत्रों में फैला हुआ है। अडानी समूह के खिलाफ जांच और आरोपों के चलते निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ी, जिसका असर उनके शेयरों पर पड़ा और अडानी की संपत्ति में गिरावट आई। इस स्थिति ने उन्हें टॉप 10 अरबपतियों की सूची से बाहर कर दिया।

भारत के अरबपतियों की कुल संपत्ति में वृद्धि

हालांकि, भारत के अन्य अरबपतियों की संपत्ति में लगातार वृद्धि हो रही है। उदाहरण के लिए, HCL के संस्थापक शिव नादर और भारत की सबसे अमीर महिला सवित्री जिंदल की संपत्ति में $10 बिलियन से अधिक का इजाफा हुआ है। कुल मिलाकर, इस साल भारत के टॉप 20 अरबपतियों की संपत्ति में $67.3 बिलियन की बढ़ोतरी हुई है।

ब्लूमबर्ग अरबपति सूचकांक के अनुसार, मुकेश अंबानी अब दुनिया के 17वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जबकि गौतम अडानी 19वें स्थान पर हैं। हालांकि उनकी संपत्ति में गिरावट आई है, इसके बावजूद वे अभी भी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं, हालांकि अब वे टॉप 10 से बाहर हो गए हैं।

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