पीएम आवास योजना के नाम पर फ्रॉड करने वाले गैंग का भंडाफोड़, पकड़े गए चार जालसाज

UP Crime News: प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी आवास के नाम पर फर्जी पंजीकरण का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ और कानपुर नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गैंग काफी सालों से इसी तरह से भोलेभाले लोगों की फंसाकर ठगी कर रहे थे। पुलिस मुख्य आरोपी समेत अन्य की तलाश कर रही है।

एसटीएफ ने कानपुर नगर पुलिस की मदद से पकड़े चार जालसाज

एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि सूचना मिली कि कुछ लोग गिरोह बनाकर रोजाना दो दर्जन लोगों को पीएम आवास योजना के नाम पर दो से दस हजार रुपए ऐंठ रहे हैं। इस सूचना पर पड़ताल कर एसटीएफ और सचेंडी पुलिस की संयुक्त टीम ने चार को दबोचा। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम अनिरुद्ध सिंह, अजीत सिंह निवासी सचेंडी, दिलीप सिंह निवासी ग्राम रेवारी सचेंडी और संतोष कुमार सिंह निवासी चौबेपुर कानपुर नगर बताया। पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल, चार जाली आधार कार्ड और करीब ढाई सौ रुपए बरामद किए हैं।

सालों से कर रहे थे ठगी, रोजाना दो दर्जन को करते थे टारगेट

पूछताछ में आरोपी अनिरुद्ध ने बताया कि गांव के आशीष सिंह ने ठगी करने का तरीका सिखाया था। किसी भी मोबाइल नंबर के पांच अंक बदलकर कॉल करते थे। फिर कहते थे कि हम प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय से बोल रहे हैं। आपके लिए आवास योजना के रुपए आए हैं। कुछ खर्चा लगेगा, जिसके बाद आपके खाते में योजना की रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके बाद आशीष के नंबर पर फोन-पे, गूगल -पे और पेटीएम पर रुपए जमा करा लेते थे। इससे पहले टारगेट का आधार नंबर मंगाकर आशीष को भेजकर उसके परिवार की पूरी डिटेल हासिल कर लेते हैं। पीड़ित ने कहा कि जिस नंबर से वे कस्टमर को कॉल करते थे, वह सारे नंबर आशीष लाकर देता था।

आशीष उपलब्ध कराता था मोबाइल नंबर और खाते

एक नंबर करीब दो-तीन हफ्ते इस्तेमाल करते थे। फिर उसे बंद करने के कुछ दिन बाद दोबारा शुरू करते थे। ठगी के लिए मोबाइल नंबर और खाते आशीष उपलब्ध कराता था। जिसके कारण वह आधी रकम आशीष लेता है। गांव के जितने भी लड़के आशीष के माध्यम काम करते थे, उसमे से आधी रकम काटकर आशीष देता था। आरोपी संतोष ने बताया कि मौसेरी बहन की शादी मंगल सिंह से हुई है। बहन के घर जाता था। इस दौरान अनिरुद्ध सिंह और अतीत सिंह से मुलाकात हुई। फिर लालच में उनके साथ जुड़कर पीएम आवास योजना के नाम पर लोगों का फर्जी पंजीकरण कराकर ठगी करने लगा। करीब एक साल पहले वह भी जेल गया था। आरोपी संतोष के खिलाफ चौबेपुर थाने में दो मुकदमे पूर्व में दर्ज हैं।

साइबर क्राइम में रेवारी के नए लड़के शामिल

शुरुआती जांच में सामने आया कि रेवारी गांव के नए लड़के भी साइबर क्राइम में तेजी से पनप रहे हैं। पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि अगर जल्द लगाम नहीं लगाई गई तो रेवारी भी जामतारा की तरह साइबर गढ़ बन जाएगा। कानपुर पुलिस और एलआईयू ने गुपचुप तरीके से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

Also Read : Gonda : मौत के 32 साल बाद पैदा हुई बेटी, पूरा मामला जानकर उड़ जाएंगे…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.