संपादक की कलम से: सुलगते Manipur का समाधान कब?
पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख राज्य मणिपुर (Manipur) एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। यहां उग्रवादियों के हमले बढ़ गए हैं। वे न केवल अत्याधुनिक हथियारों से आम लोगों को निशाना बना रहे हैं बल्कि घरों को जला भी रहे हैं।
Sandesh Wahak Digital Desk: पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख राज्य मणिपुर (Manipur) एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। यहां उग्रवादियों के हमले बढ़ गए हैं। वे न केवल अत्याधुनिक हथियारों से आम लोगों को निशाना बना रहे हैं बल्कि घरों को जला भी रहे हैं। लिहाजा अब मैतेई और कुकी के आपसी संघर्ष के साथ उग्रवादियों और सेना के बीच भी जंग शुरू हो गई है। सेना ने शांति बहाली का प्रयास शुरू किया है और मुठभेड़ में अब तक चालीस उग्रवादियों को मार गिराया है। फिलहाल उग्रवादियों की हिंसा जारी है।
सवाल यह है कि…
- क्या यह हिंसा सुनियोजित है?
- क्या अलग कुकी लैंड की मांग करने वाले उग्रवादियों को चीन से आर्थिक मदद व हथियार मिल रहे हैं?
- आखिर इनके पास एके-47 और एम-16 और स्नाइपर राइफलें कहां से आईं?
- उग्रवादियों के संभावित हमलों की सूचना खुफिया तंत्र को समय से क्यों नहीं मिल सकी?
- क्या सीमावर्ती राज्य में उग्रवादियों और आतंकी संगठनों का गठजोड़ किसी बड़े खतरे का संकेत दे रही है?
- क्या पूर्वोत्तर को विकसित करने की सरकार की मंशा ऐसी स्थिति में सफल हो सकेगी?
- सुलगते मणिपुर (Smoldering Manipur) के सवालों का समाधान कब होगा?
जनजाति कुकी व नगा की आबादी के बीच जारी है संघर्ष
मणिपुर, नॉर्थ ईस्ट इंडिया के सात राज्यों में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। इसका अर्थ है मणियों व आभूषणों की धरती। इसकी सीमाएं नागालैंड, मिजोरम, असम म्यांमार और चीन से लगती हैं। इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। 1972 में भाषा के आधार पर जब राज्य का गठन हुआ तब मणिपुर को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता मिली। यहां गैर-जनजाति मैतेई समुदाय की आबादी 53 फीसदी और जनजाति कुकी व नगा की आबादी 40 फीसदी के आसपास है। इनके बीच काफी समय से संघर्ष चल रहा है।
कूकी उग्रवादियों और सेना से है सीधा मुकाबला
1980 के उत्तरार्ध में अलग कुकीलैंड की मांग शुरू हुई। उस वक्त कुकी-जोमी विद्रोही समूहों ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन का गठन किया। यह मांग आज भी जारी है लेकिन हालिया संघर्ष तक शुरू हुआ जब मैतेई समुदाय को मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur Highcourt) ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा और आरक्षण दिए जाने पर विचार करने को सरकार से कहा। इससे कुकी-नगा भडक़ उठे और हिंसक झड़पे हुईं। सेना के हस्तक्षेप के बाद कूकी उग्रवादियों का सीधा मुकाबला सेना से होने लगा है।
चीन भी भारत के इस सीमवर्ती राज्य में अशांति फैलाने में लगा हुआ है और वह इन उग्रवादियों की आर्थिक मदद और आधुनिक हथियार भी मुहैया करा रहा है। इसके अलावा उग्रवादियों को बाहर के आतंकी संगठनों का साथ भी मिल रहा है।
Manipur में जमीनी स्तर पर करनी होगी कार्रवाई
खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि मणिपुर में हिंसा फैलाने की साजिश की गई थी। ऐसे में सरकार को फूंक-फूंककर कदम रखने होंगे। प्रकृति से भरपूर इस प्रदेश के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई करनी होगी। सरकार को चाहिए कि वह दोनों पक्षों को एक टेबुल पर लाए और उनकी समस्याओं का कानून और संविधान के दायरे में हल निकाले। साथ ही आतंकी और उग्रवादियों के गठजोड़ को नष्ट करे।
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