संपादक की कलम से : आईएसआई एजेंटों का जाल

Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाला एक एजेंट गिरफ्तार किया गया है। पैसे के लालच में इसने भारतीय सेना की कई अहम जानकारियां आईएसआई को मुहैया करायी हैं। वह सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों के जरिए खुफिया एजेंसियों के हैंडलरों के संपर्क में आया। फिलहाल पूछताछ चल रही है और सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे कई और राज उजागर हो सकते हैं।

सवाल यह है कि :-

  • कंगाल हो चुका पाकिस्तान भारतीय सेना के मूवमेंट और अन्य जानकारियां क्यों जुटा रहा है?
  • क्या आईएसआई इसका प्रयोग देश में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए कर रही है?
  • क्या चंद पैसों का लालच देकर वह सेना में काम कर रहे या कर चुके लोगों को अपने जाल में फंसाने और उसने अहम जानकारियां लेने की रणनीति पर काम कर रही है?
  • क्या ये जानकारियां देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं?
  • आईएसआई के एजेंटों के लिए यूपी ही प्रमुख पनाहगाह क्यों है?
  • क्या लोकसभा चुनाव से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी किसी नयी रणनीति पर काम कर रही है?

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब यूपी से आईएसआई का एजेंट गिरफ्तार किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई एजेंट भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ चुके हैं। अधिकांश एजेंट पश्चिमी और पूर्वी यूपी से पकड़े गए हैं। इसकी बड़ी वजह यहां की घनी बस्तियां हैं और ये एजेंट इन घनी बस्तियों में आसानी से अपनी पहचान छिपाकर रह सकते हैं। इसके अलावा ये स्थानीय होते हैं, जिससे पुलिस और आस-पास रह रहे लोगों को भी इसकी भनक नहीं लग पाती है।

सेना के जवान और इससे जुड़े लोगों को जाल में फंसाती

दरअसल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भारत में अपने जासूस नहीं भेजती है। बल्कि यहां के लोगों को पैसों का लालच देकर अपने लिए जासूसी करा रही है। इसके लिए वह हनी ट्रैप का इस्तेमाल करती है। यानी सुंदर महिलाओं के जरिए वह सेना के जवान और इससे जुड़े लोगों को जाल में फंसाती है। फिर खुफिया जानकारी लेती है।

राजधानी से पकड़ा गया आईएसआई एजेंट शैलेश 8 से 9 महीने भारतीय सेना में, अरुणाचल प्रदेश में अस्थाई श्रमिक के रूप मे काम कर चुका है। हालांकि वह सोशल मीडिया पर खुद को भारतीय सेना का जवान बताता था। सेना में बतौर श्रमिक काम करने के कारण उसके पास अहम जानकारियां थीं और उसने उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को साझा कर दी हैं। सेना की ये जानकारियां आईएसआई देश में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए उपयोग में ला सकती है।

साफ है सरकार को देश की सुरक्षा की समीक्षा करनी होगी और ऐसी फुल प्रूफ व्यवस्था बनानी होगी ताकि कुछ खास लोगों की पहुंच ही अहम जानकारियों तक रहे अन्यथा पड़ोसी मुल्क इसका उपयोग किसी भी खतरनाक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर सकता है। यह खतरे की घंटी से कम नहीं है।

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