संपादक की कलम से : सिर्फ धर-पकड़ से नहीं बनेगी बात
Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में ढाई सौ के करीब सॉल्वर और नकल माफिया गैंग के सदस्य गिरफ्तार किए गए। इनके पास से न सिर्फ नकल कराने के हाईटेक उपकरण बल्कि लाखों रुपये बरामद किए गए। इन लोगों ने अभ्यर्थियों से लिखित परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था। इस धर-पकड़ से साफ है कि सरकार को परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने और इसकी शुचिता को बचाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसी मशक्कत उसे छोटी से लेकर बड़ी परीक्षाओं तक में करनी पड़ती है।
सवाल यह है कि :
- क्या सिर्फ धर-पकड़ से इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है?
- इस बात की क्या गारंटी है कि नकल माफिया गैंग के सदस्य परीक्षा में सेंध लगाने में सफल नहीं हुए होंगे?
- क्यों पैसा लेकर परीक्षा पास करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है?
- क्या सॉल्वर गैंग के नेटवर्क को खत्म किए बिना परीक्षा की शुचिता को बरकरार रखा जा सकता है?
- सरकार की कार्रवाई के बावजूद नकल माफिया के हौसले बुलंद क्यों हैं?
- क्या सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान खोज पाएगी?
उत्तर प्रदेश में नकल माफिया का पूरा नेटवर्क चल रहा है। इसमें कई शिक्षण संस्थाओं और सरकार के कर्मचारी तक शामिल हैं। बोर्ड से लेकर नौकरी के लिए दी जाने वाली परीक्षाएं इनके निशाने पर रहती हैं। जैसे ही परीक्षाएं पास आने लगती है, नकल माफिया को पूरा नेटवर्क सक्रिय हो जाता है। बोर्ड परीक्षा और नौकरी के परीक्षार्थियों को परीक्षा पास कराने के लिए इनके पास अलग-अलग पैकेज हैं। यह कुछ हजार से लेकर लाखों तक का होता है।
नकल माफिया ने पूरी व्यवस्था में सेंध लगा रखी
नकल माफिया और सॉल्वर गैंग के सदस्य जैसी नौकरी वैसा पैसा वसूलते हैं। जिस परीक्षा में कड़ाई व रिस्क अधिक होता है, वहां दाम और बढ़ सकते हैं। इस नेटवर्क में पढ़े-लिखे से लेकर नौकरी पेशा तक शामिल होते हैं। कई बार परीक्षा पास कर चुके छात्र भी दूसरे की जगह परीक्षा देते है और इसके एवज में सॉल्वर गैंग से पैसा लेते हैं। इस तरह नकल माफिया ने पूरी व्यवस्था में सेंध लगा रखी है।
हालांकि पिछले कुछ सालों से प्रदेश सरकार नकल माफिया पर नकेल कस रही है और परीक्षा के दौरान गड़बड़ी रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन स्थितियां अभी भी बहुत बेहतर नहीं हो सकी हैं। इसकी पुष्टिï पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गये सॉल्वर गैंग के सदस्यों से होती है। इस बात की गारंटी नहीं है कि इतने लोगों के पकड़े जाने से परीक्षा पूरी शुचिता के साथ संपन्न हो गयी होगी।
सरकार को इस बात को समझना होगा कि सिर्फ परीक्षा के दौरान नकल माफिया गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके लिए इस पूरे नेटवर्क को चिन्हित कर इसका सफाया करना होगा। वहीं शिक्षा व्यवस्था को इस तरह दुरुस्त करना होगा कि छात्र शुरू से अपना लक्ष्य तय कर सकें। इसके साथ उन्हें सरकार की ओर से पर्याप्त गाइडेंस मिल सके ताकि वे नकल जैसी मानसिकता से बाहर आ सकें।