संपादक की कलम से: घाटी में बढ़ता आतंकवाद

Sandesh Wahak Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवाद तेजी से फैलने लगा है। स्थानीय व पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन यहां तेजी से सक्रिय हो गए हैं। इसकी पुष्टि लागतार हो रहे आतंकी हमलों से हो रही है। हाल में हुए आतंकी मुठभेड़ में सेना के कई जवान शहीद हो चुके हैं। यही नहीं सर्च ऑपरेशन के बावजूद पाकिस्तान से आए आतंकियों का सुराग सेना को नहीं मिल सका है। इन घुसपैठियों की जानकारी पाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इनके स्केच जारी किए हैं। बांग्लादेश में फैली अराजकता के बाद घाटी में और आतंकियों के घुसने की आशंका है।

सवाल यह है कि :

  1. तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में आतंकी घटनाओं में इजाफा क्यों हो रहा है?
  2. क्या आतंकियों ने अपनी रणनीति बदल दी है?
  3. कड़ी चौकसी के बाद भी यहां पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ करने में सफल क्यों हो रहे हैं?
  4. इन विदेशी आतंकियों की कौन मदद कर रहा है?
  5. क्या देश में जड़ जमा रहे आतंकी-अपराधी गठजोड़ के कारण हालात खराब हुए हैं?
  6. क्या स्थानीय मददगारों और स्लीपर सेल को समाप्त किए बिना राज्य में आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है?

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह यहां किसी भी सूरत में शांति स्थापित नहीं होने देना चाह रहा है। उसे यह भी डर लग रहा है कि भारत, उससे पीओके छीन सकता है। खुद पाकिस्तान की अंदरूनी हालत खराब है। वहां आवाम में दिनोंदिन आक्रोश फैल रहा है। यही वजह है कि वह अपने आवाम का ध्यान भटकाने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज कर रहा है। हालांकि भारतीय सेना घुसपैठ कर पहुंच रहे आतंकियों का चुन-चुनकर सफाया कर रही है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।

भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश

हकीकत यह है कि इन आतंकियों को स्थानीय स्लीपर सेल की मदद मिल रही है। पिछले दिनों कई स्थानीय मददगारों को गिरफ्तार किया गया है। दूसरी ओर चीन पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है। खुफिया सूचना यह है कि राज्य में बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए सीमापार के कैंपों में बड़ी संख्या में आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। अब जब बांग्लादेश में अराजकता फैल गयी है तो ये आतंकी बांग्लादेश से होते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। फिलहाल जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ सीमापार से कम नेपाल और पंजाब के रास्ते अधिक हो रही है।

जाहिर है यदि भारत सरकार को इस पर नियंत्रण लगाना है तो उसे इसकी जड़ पर प्रहार करना होगा। साथ ही इसके मददगार देशों का भी वैश्विक मंच पर पर्दाफाश करना होगा। वहीं राज्य सरकार की पुलिस और सेना को स्थानीय स्लीपर सेल और इनके मददगारों को चिन्हित कर इनके खिलाफ जमीनी स्तर पर कठोर कार्रवाई करनी होगी। आतंकियों और अपराधियों के गठजोड़ को तोडऩा होगा। सेना को भी इनसे निपटने के लिए नयी रणनीति बनानी होगी।

Also Read: संपादक की कलम से: बांग्लादेश में अराजकता…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.