संपादक की कलम से: यूपी में उद्यमों पर फोकस

Sandesh Wahak Digital Wahak: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तर प्रदेश को बजट में प्रमुखता दी है। यूपी को केंद्र से चालू वित्त वर्ष में 2.44 लाख करोड़ मिलेंगे। यह अतंरिम बजट से 7482 करोड़ अधिक है। इसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास की रफ्तार पर पड़ेगा।

सवाल यह है कि :

  • इस धनराशि का सरकार कहां उपयोग करेगी और इससे किस वर्ग या समुदाय के लोग प्रभावित होंगे?
  • क्या इस धनराशि से प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को विस्तार मिलेगा?
  • क्या प्रदेश में इस धन के उपयोग के जरिए रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो सकेगा?
  • क्या बजट में रोजगार पर फोकस लोकसभा चुनाव में लोगों में बेरोजगारी को लेकर उत्पन्न आक्रोश का परिणाम है?
  • क्या इसके जरिए युवा और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ठोस कार्ययोजना को जमीन पर उतारा जा सकेगा?
  • क्या यह सरकारी नौकरियों के प्रति लोगों के आकर्षक को कम कर सकेगी?
  • क्या लालफीताशाही इन योजनाओं में अड़ंगा लगाने से बाज आएगी?
  • क्या प्रदेश में स्थानीय उत्पादों के साथ अन्य उद्यमों को विकसित करने को लेकर नयी पहल हो सकेगी?

आम चुनाव में भाजपा को मिली सीटों ने सत्तारूढ़ दल के सामने तस्वीर साफ कर दी है कि लोगों में महंगाई व बेरोजगारी को लेकर आक्रोश था। हालांकि यह आक्रोश पूरे देश में नहीं दिखा। इसका सबसे अधिक असर यूपी में दिखाई पड़ा और यहां मोदी सरकार के प्रति लोगों ने वोट के जरिए अपनी नापसंदगी जाहिर कर दी। विपक्ष भी इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश की और इसका फायदा उसे मिला भी।

गठबंधन के जरिए बनाई सरकार

प्रदेश में अपेक्षा से कम सीट मिलने के कारण भी भाजपा अपने बल पर बहुमत नहीं प्राप्त कर सकी। हालांकि उसके गठबंधन ने बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। यह बात सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व को भी समझ आ गयी। यही वजह है कि पूरा बजट ही रोजगार पर फोकस है। लिहाजा युवाओं को केंद्र में रखकर रोजगार सृजन की तमाम योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं। इसी क्रम में केंद्र ने प्रदेश सरकार को भारी भरकम बजट प्रदान किया है। इसका प्रयोग कर सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को विस्तार देकर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगी ताकि युवाओं के मन में उत्पन्न असंतोष को कम किया जा सके।

इसमें दो राय नहीं कि प्रदेश में पिछले सात सालों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का तेजी से विकास हुआ है लेकिन जनसंख्या के लिहाज से यह पर्याप्त नहीं है। ऐसे में केंद्र द्वारा आवंटित धन निश्चित रूप से यहां नए उद्यमों के स्थापित होने का रास्ता साफ करेगी। यदि सरकार ने इसको सफलतापूर्वक हकीकत में बदल दिया तो इसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इससे कई लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इससे आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी। ऐसे में महंगाई पर आने वाले दिनों में नरमी दिख सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस धन से प्रदेश को कितनी रफ्तार दे पाती है।

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