संपादक की कलम से: आतंकवाद पर चीन की चाल और भारत
आतंकवाद के खिलाफ चीन की दोहरी नीति की पोल एक बार फिर खुल गई है। मुंबई हमले के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रयासों में चीन ने अड़ंगा लगा दिया है।
Sandesh Wahak Digital Desk: आतंकवाद के खिलाफ चीन की दोहरी नीति की पोल एक बार फिर खुल गई है। मुंबई हमले के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रयासों में चीन ने अड़ंगा लगा दिया है। मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत काली सूची में डालने, उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा और हथियार पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका की ओर से पेश और भारत समर्थित प्रस्ताव को वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए रोक दिया।
सवाल यह है कि…
- आतंकवाद के खिलाफ बड़ी-बड़ी बात करने वाला चीन आतंकियों का संरक्षक क्यों बन गया है?
- क्या चीन की यह चाल भारत के खिलाफ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बढ़ावा देने की है?
- क्या चीन की इस नीति के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को आवाज नहीं उठानी चाहिए?
- क्या इस तरह वैश्विक आतंकवाद से लड़ा जा सकता है?
- क्या आतंकवाद को समाप्त करने के लिए वैश्विक देशों का एकजुट होना सपना बनकर रह जाएगा?
- क्या भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों से परेशान होकर चीन ऐसे कदम उठा रहा है?
चीन हमेशा से भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है। इसके लिए वह न केवल पाकिस्तान का आंख-मूंदकर समर्थन करता है बल्कि उसके पाले आतंकियों को संरक्षण भी देता रहता है। यह जानते हुए कि मीर मुंबई हमले का गुनहगार है, उसने संयुक्त राष्ट्र को उसके खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया।
चीन की हड़प नीति को समझ चुके हैं पडोसी देश
दरअसल, चीन और भारत में बढ़ता तनाव भी इसकी एक बड़ी वजह है। भारत, चीन को लेकर अपनी सुरक्षा इंतजाम न केवल पुख्ता कर रहा है बल्कि उसकी विस्तारवादी नीति से परेशान उसके पड़ोसियों से भी तेजी से संबंध सुधार रहा है। इसके अलावा वह क्वाड का सदस्य देश भी है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। चीन इसे अपने लिए खतरा मानता है। इसके अलावा अमेरिका से बढ़ते भारत के संबंधों को लेकर भी वह चिंतित है। वहीं नेपाल और श्रीलंका जैसे देश भी अब चीन से दूरी बनाने लगे हैं। वे उसकी हड़प नीति को समझ चुके हैं और अब भारत से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।
भारत को परेशान करने की कोशिश में रहता है चीन
कोरोना वायरस को लेकर भी चीन की बहुत फजीहत हो चुकी है। चीन यह जानता है कि भारत ही उसे जवाब दे सकता है। लिहाजा वह न केवल सीमा पर शांति स्थापित करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है बल्कि हर वह अवसर खोज रहा है जिससे भारत को परेशान किया जा सके। दूसरी ओर अमेरिका से मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान चीन की गोद में बैठ चुका है।
लिहाजा पाक की हर नीति का चीन समर्थन कर रहा है लेकिन चीन को यह समझना होगा कि आतंकवाद पर उसकी दोमुंही नीति विश्व के सामने उजागर हो चुकी है। यह नीति न केवल चीन बल्कि उन तमाम देशों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है जो आतंकवाद से जूझ रहे हैं।