MBA से हाईस्कूल तक, पैसों में बिक रही थी डिग्रियां… यूपी STF ने दबोचा मास्टरमाइंड

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अन्तर्राज्यीय स्तर पर फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र और कूटरचित अंकतालिका तैयार करने वाले गिरोह के एक सक्रिय सदस्य धनेश मिश्रा को आगरा कमिश्नरेट के शाहगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

बरामद सामान:

  • 4 लैपटॉप (चार्जर सहित)
  • 942 फर्जी अंकतालिकाएं/प्रमाण पत्र (विभिन्न विश्वविद्यालयों के)
  • 104 खाली अंकपत्र/प्रमाण पत्र
  • 182 हस्तलिखित उत्तर पुस्तिकाएं (सभी एक ही हस्तलेख में)
  • 12 उत्तर पुस्तिकाएं (विभिन्न सीरियल नंबरों की, सभी एक ही हस्तलेख में)
  • 4 डायरी
  • 1 फीस रसीद बुक
  • 1 लेटर पैड (नोड पैड एजुकेशन प्रा. लि. अंकित)
  • 1 प्रिंटर
  • 6 खाली लिफाफे (जिनमें कोरियर से दस्तावेज आते थे)
  • 2 एंड्रॉयड/आईफोन मोबाइल फोन
  • 1 आधार कार्ड
  • 1 विजिटिंग कार्ड

दरअसल एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में यह गिरोह हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, डिग्री कॉलेज, स्नातक, डी.फार्मा, एमबीए आदि के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर जनता से लाखों रुपये ठग रहा है। इस सूचना के आधार पर अपर पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ), राकेश के पर्यवेक्षण में एक टीम का गठन किया गया।

सूचना के आधार पर निरीक्षक हुकुम सिंह, उपनिरीक्षक राजपाल सिंह, मुख्य आरक्षी विमल, मुख्य आरक्षी कृष्णवीर सिंह, आरक्षी प्रदीप चौधरी और आरक्षी हरपाल सिंह की एसटीएफ फील्ड इकाई, आगरा की टीम ने अभियुक्त को घेराबंदी कर पकड़ लिया।

अभियुक्त का खुलासा 

पूछताछ में धनेश मिश्रा ने स्वीकार किया कि वह पिछले दो वर्षों से इस अवैध कार्य में संलिप्त था। उसने कई विश्वविद्यालयों से फ्रेंचाइजी (एडमिशन कोड) प्राप्त किए थे और फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र तैयार कर लाखों रुपये कमाता था।

धनेश मिश्रा ने बताया कि उसने चार प्रमुख विश्वविद्यालयों-  सुभारती विश्वविद्यालय, मंगलायतन विश्वविद्यालय, सिक्किम ओपन बोर्ड, सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय से फ्रेंचाइजी ले रखी थी। इसके अलावा, अन्य विश्वविद्यालयों से सेटिंग करके वह शैक्षिक प्रमाण पत्र मंगवाकर बेचता था। जो प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय से नहीं मिलते थे, उन्हें वह खुद तैयार कर देता था। उसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों से मिलीभगत कर रखी थी।

फर्जी प्रमाण पत्र की कीमतें:

  • एमबीए – 1,80,000 रुपये से ₹2,40,000 रुपये
  • बीए/बीकॉम/बीएससी – 25,000 रुपये से 40,000 रुपये
  • हाईस्कूल व इंटरमीडिएट – 15,000 रुपये से 25,000 रुपये

अपराध और आगे की कार्यवाही 

अभियुक्त के विरुद्ध थाना शाहगंज, कमिश्नरेट आगरा में मु.अ.सं. 118/2025 धारा 318(4)/338/336(3)/340(2) बीएनएस के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मामले की आगे की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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