Lucknow: लाखों का बकाया-हजारों में निपटाया, हाउस टैक्स का मनचाहा असेसमेंट करने में माहिर हैं निगम कर्मी

रिंग रोड स्थित फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम के असेसमेंट में खेल

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ नगर निगम में हाउस टैक्स असेसमेंट में इंस्पेक्टरों का खेल जारी है। हाउस टैक्स कम करने के एवज में इंस्पेक्टर वसूली कर रहे हैं। यही वजह है कि लाखों रुपये का टैक्स कम किए जाने की फाइल फटाफट स्वीकृत हो जाती है। यह हाल नगर निगम के किसी एक जोन का नहीं बल्कि सभी का है।

ताजा मामला नगर निगम के जोन-7 का सामने आया है। शंकर पुरवा द्वितीय वार्ड के रिंग रोड स्थित फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम (भवन संख्या- 529डी/036सीसी) के टैक्स असेसमेंट में बड़ा खेल किया गया है।

इंस्पेक्टरों ने छह मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग का टैक्स घटाकर नगर निगम को लाखों के राजस्व का चूना लगाया। इस बीच अवैध निर्माण के मामले के चलते लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से बिल्डिंग को कुछ समय के लिए सील भी किया गया। इधर, नगर निगम कर्मियों की मिलीभगत से बिल्डिंग का सालाना हाउस टैक्स 4,23,106 से घटाकर 45900 कर दिया गया।

जबकि हाउस टैक्स न जमा करने के मामले में नगर निगम ने भी इसी बिल्डिंग को सील किया था। टैक्स कम करने के लिए बिल्डिंग को आवासीय में दर्ज कर दिया गया। वर्तमान में उक्त बिल्डिंग का प्रयोग व्यावसियिक रूप में किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम डबल बेसमेंट के अलावा चार मंजिल से अधिक बना हुआ है।

साढ़े बारह लाख बकाया पर हुई थी कार्रवाई

फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम का हाउस टैक्स पहले 4,23,106 रुपये वार्षिक था। वर्ष 2022 में 12,64,514 रुपये टैक्स बकाया होने की दशा में नगर निगम ने बिल्डिंग को सील किया था। तत्कालीन जोनल अधिकारी प्रज्ञा सिंह के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद भवन स्वामी और नगर निगम कर्मियों के बीच डील हो गई। टैक्स रिवाइज करने के बहाने 45900 रुपये टैक्स लगाकर मामला रफादफा कर दिया गया। बिल्डिंग को आवासीय दिखाना भी अपने आप में हैरत की बात है। लाखों रुपये का टैक्स नगर निगम के बजाए अफसर-कर्मचारी हजम कर गए।

अवैध प्रचार पर भी अफसर मेहमान

फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम के ऊपर अवैध रूप से भारी भरकम होर्डिंग स्ट्रैक्चर भी लगा हुआ है। जिस पर नगर निगम में सूचीबद्ध एक प्रचार एजेंसी के माध्यम से विज्ञापन का कार्य किया जा रहा है। अवैध रूप से किए जा रहे प्रचार से नगर निगम को लाखों के राजस्व का घाटा हो रहा है। लेकिन नगर निगम कर्मियों की मेहरबानी के चलते अवैध प्रचार का धंधा पिछले एक दशक से निरंतर जारी है।

मामले की जानकारी नहीं है। संबंधित बिल्डिंग के हाउस टैक्स का बिल देखकर ही कुछ कहना सही होगा। यदि गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जाएगी।

-इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त

Also Read: UP News: अमेठी में दर्दनाक हादसा, दो मजदूरों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत

Get real time updates directly on you device, subscribe now.