मेंथा कारोबार में फर्जीवाड़ा: करोड़ों की ITC का भी खेल, बाराबंकी मेें करीब 2.5 अरब की फर्जी खरीद
फर्जी दस्तावेजों पर करीब 67 करोड़ की आईटीसी (ITC) फर्जी तरीके से हासिल की गयी थी।
Sandesh Wahak Digital Desk: फर्जी दस्तावेजों पर करीब 67 करोड़ की आईटीसी (ITC) फर्जी तरीके से हासिल की गयी थी। नार्थ एन्ड फर्म ने मेंथा की करीब 80 फीसदी से अधिक खरीद बाराबंकी की जिस जय बालाजी ट्रेडिंग फर्म से दिखाई थी। वहां भी कोई कारोबार नहीं हो रहा था। करीब 255 करोड़ की खरीद के सापेक्ष एक अरब से ज्यादा के माल की बिना ई-वे बिल सप्लाई प्राप्त की गयी थी। उक्त सप्लाई के खिलाफ चंद करोड़ का भुगतान था। जय बालाजी ट्रेडिंग कम्पनी के रामप्रकाश गुप्ता को फर्जीवाड़े के लिए सोहनलाल समूह हजारों रूपए दे रहा था। मानो ये व्यक्ति फर्म का कर्मचारी है।
इसके बाद फर्जीवाड़े से जुड़े करीब 60 व्यापारियों को विभाग ने समन करके जांच शुरू की। फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले मुरादाबाद यूनिट के तत्कालीन अफसरों को उस समय की कमिश्नर अमृता सोनी ने प्रशंसा पत्र भी दिया था।
अफसरों ने अप्रैल 2021 में अपनी जांच रिपोर्ट चंदौसी भेजते हुए तकरीबन सवा सौ करोड़ से ऊपर के टैक्स को वसूलने की संस्तुति की। हालांकि तब तक वाणिज्य कर महकमें की निजाम के तौर पर कमिश्नर मिनिस्ती एस आ चुकी थी।
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मेंथा कारोबार में 400 करोड़ की हेराफेरी
कमिश्नर ने इस मामले में कार्रवाई करने की बजाय छापेमारी में शामिल अफसरों पर हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए सीधे चार्जशीट थमा दी। जब आयकर विभाग ने उस समूह सोहनलाल के मेंथा कारोबार में 400 करोड़ की हेराफेरी पकड़ी तो ये मामला वाणिज्य कर में पुन: सुर्खियां बटोरने लगा।
चार्जशीट पाने वाले मुरादाबाद के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर सीपी मिश्रा ने बताया कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। फिर भी चार्जशीट दी गयी। सौ करोड़ से ऊपर के मामलों की निगरानी सीधे वाणिज्य कर कमिश्नर के जिम्मे है। कार्रवाई विभाग की रिसर्च टीम के अधीन थी। जिसकी मुखिया कमिश्नर हैं। अधिकांश व्यापारियों के खिलाफ न्याय निर्णयन हो चुका है।
नतीजा ढाक के तीन पात!
फर्जीवाड़े के मुखिया सोहनलाल समूह के खिलाफ कोई कार्रवाई विभाग ने नहीं की। उक्त समूह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, दिसंबर 2022 में हाईकोर्ट ने प्रकरण के निस्तारण के निर्देश दिए। फिर भी नतीजा ढाक के तीन पात निकला।
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