फर्जीवाड़ा: बर्खास्त सचिव ने जाली मोहर बना बेचा समिति का प्लॉट, मुकदमा दर्ज
Sandesh Wahak Digital Desk : पर्वतीय सहकारी आवास समिति के बर्खास्त सचिव राजेश्वर शुक्ला पर इंदिरानगर पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि अपर आवास आयुक्त द्वारा बर्खास्त करने के बाद करीब 10 दिन बाद आरोपी राजेश्वर शुक्ला ने समिति का एक प्लॉट अपनी करीबी महिला को बेचकर बैनामा कर दिया।
फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आरोपी ने समिति की जाली मोहर का इस्तेमाल किया। फर्जीवाड़ा सामने आने पर वर्तमान सचिव ने डीसीपी उत्तरी सैयद कासिम आब्दी से शिकायत की। निर्देश पर इंदिरानगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इंदिरानगर के रेनबो पब्लिक स्कूल के पास स्थित पर्वतीय सहकारी आवास समिति लिमिटेड के सचिव कृष्ण प्रताप पाल सिंह हैं। समिति के कुछ प्लॉट वार्ड इंदिरा प्रियदर्शिनी मोहल्ला निजामुद्दीन में हैं। उन्होंने बताया कि समिति के निवर्तमान सचिव राजेश्वर शुक्ला को गबन के आरोप में अपर आवास आयुक्त आवास विकास ने 26 मई को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद भी आरोपी राजेश्वर ने साजिश के तहत फर्जीवाड़ा कर एक प्लॉट 5 जून को अपनी परिचित नीलम पांडेय को बेच दिया।
3 जून को कृष्ण प्रताप को सौंपी गई थी सचिव पद की जिम्मेदारी
प्रबंध कमेटी की बैठक के बाद 3 जून को कृष्ण प्रताप पाल सिंह को सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। कृष्ण प्रताप ने बताया कि बर्खास्त होने के बाद भी राजेश्वर ने समिति सचिव की मोहर और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर नीलम को प्लॉट बेच कर निबंधन कार्यालय में गवाही व बैनामा किया था। उनका कहना है कि 17 फरवरी को एडीएम वित्त एवं राजस्व ने पर्वतीय सहकारी आवास समिति के भूखंडों पर क्रय-विक्रय की रोक लगाई थी। इसके बाद भी सचिव रहे राजेश्वर ने बैनामा किया।
सचिव कृष्ण प्रताप पाल सिंह ने डीसीपी पूर्वी से फर्जीवाड़े की शिकायत की। शुरुआती जांच के आरोप सही मिलने पर इंदिरानगर पुलिस ने राजेश्वर शुक्ला के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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