किसानों ने स्थगित किया दिल्ली कूच, अब 16 दिसंबर को होगा ट्रैक्टर मार्च; 18 दिसंबर को रेल रोकने की चेतावनी
Sandesh Wahak Digital Desk: किसानों ने शनिवार को अपना प्रस्तावित दिल्ली कूच स्थगित कर दिया है। यह निर्णय पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद लिया गया। किसान नेताओं ने घोषणा की है कि अब 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रेल यातायात पूरी तरह से रोकने की चेतावनी दी है।
प्रदर्शन के दौरान झड़पें और घायल किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान 17-18 किसान घायल हुए हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाने का भी आरोप लगाया गया है। किसान नेता मंजीत सिंह राय ने बताया कि एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया है।
पंधेर ने सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए केमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल किया गया और इस बार अधिक मात्रा में आंसू गैस के गोले दागे गए। हालांकि, अंबाला कैंट के पुलिस उपाधीक्षक रजत गुलिया ने इन आरोपों का खंडन किया।
किसानों की मांगें और अगली रणनीति
किसान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता पंधेर ने कहा कि संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस हो रही है, लेकिन किसानों के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की जा रही है।
पंधेर ने सवाल किया, “हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है? 101 किसानों का जत्था देश की कानून-व्यवस्था के लिए कैसे खतरा हो सकता है?” किसान नेताओं ने बताया कि अगला जत्था हरियाणा से भेजा जाएगा, जिसमें महिलाओं का एक जत्था भी शामिल होगा।
भूख हड़ताल और किसानों में गुस्सा
खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, “किसानों में बहुत गुस्सा है। यदि किसी किसान को नुकसान हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।” यह दिल्ली कूच का किसानों का तीसरा प्रयास था। इससे पहले, 6 और 8 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।
किसानों ने ऐलान किया है कि 16 दिसंबर को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। पंजाब को छोड़कर यह प्रदर्शन देशभर में किया जाएगा। वहीं, 18 दिसंबर को रेल रोकने की योजना है। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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