लखनऊ में तेजी से बढ़ रहा आई फ्लू, इन सावधानियों का बरतना बेहद जरूरी
अस्पतालों में आ रहे संक्रमितों में बच्चों की संख्या अधिक, हर उम्र के लोग गिरफ्त में
Sandesh Wahak Digital Desk : राजधानी में आई फ्लू का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन करीब 200 नए मरीज आ रहे हैं। इसमें बच्चों की संख्या अधिक है। हर आयु वर्ग के लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है आईफ्लू मरीज के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी इसकी जद में आ रहा है।
बलरामपुर अस्पताल की नेत्र ओपीडी में हर दिन करीब 150 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इसमें 50 से अधिक मरीज आई फ्लू के सामने आ रहे हैं। इसमें बच्चों की तादाद अधिक है। नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक आई फ्लू के सबसे अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। उन्होंने बताया यह इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचकर मर्ज पर काबू पाया जा सकता है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया नेत्र रोग की ओपीडी में हर दिन करीब 50-60 मरीज आ रहे हैं। इसमें करीब 25-30 बच्चे हैं।
सिविल अस्पताल में मरीजों की भरमार
सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी का यही हाल है। यहां पर हर दिन 60-70 मरीज आई फ्लू के आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है बीते डेढ़ हफ्ते में आई फ्लू मरीजों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है। रानी लक्ष्मीबाई, बीआरडी महानगर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में 20-25 हर अस्पताल में मरीज आ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, हर दिन सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में जिले में करीब 200 से अधिक नए मरीज आई फ्लू के सामने आ रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी की वजह से लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं। यही एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इन्फेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं। आंखों में खुजली या सूजन होने का मतलब है कि कंजंक्टिवाइटिस है। इस कंडीशन में बार-बार आंखों में हाथ लगाने से दूसरी आंख में भी इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में आंखों को हाथों से रगडऩा या छूना नहीं चाहिए। बताया हर दिन ओपीडी में करीब 50-60 मरीज आ रहे हैं।
इन सावधानियों का बरतना बेहद जरूरी
- पेशेंट को आइसोलेट रखें।
- उसकी टॉवल-पिलो अलग रखें।
- घर में तीन से पांच दिन अलग रहने की सलाह दे
- आंखों से छूने से बचाने के लिए चश्मा लगाए रहें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
दवा से लेकर जांच की पुख्ता व्यवस्था रखें: ब्रजेश पाठक
आई फ्लू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। सतर्क रहकर आंखों के संक्रमण से खुद को बचा सकते हैं। यदि संक्रमण हो गया है तो सरकारी अस्पताल में इलाज करायें। वहां इलाज की निशुल्क व्यवस्था है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी। उप मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों के अधीक्षकों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल में दवा से लेकर जांच तक की पुख्ता व्यवस्था रखें।
उन्होंने विभागीय अफसरों को भी निर्देशित किया कि जहां मरीजों की संख्या अधिक है, वहां शिविर लगा कर उपचार करें। शनिवार को सभी जिलों के सीएमओ और अस्पतालों के सीएमएस को आईफ्लू प्रभावित मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आते हैं। सभी स्कूल कॉलेज भी सतर्क रहें। उप मुख्यमंत्री ने सभी कॉलेज संचालकों से भी अपील की है कि यदि किसी बच्चे को आंखों का संक्रमण है। तो उसे अवकाश दें। स्वस्थ्य बच्चों से उसे दूर बैठाएं। यदि कई बच्चे प्रभावित हैं तो आसपास के सरकारी अस्पताल को सूचना दें।
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