Enforcement Directorate: मनी लॉन्ड्रिंग की चेन तक नहीं पहुंचे ईडी के हाथ
सपा नेता विनय शंकर तिवारी के पास 60 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेद मिले

Sandesh Wahak Digital Desk: सपा नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी से अरबों की मनी लांड्रिंग में भले ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक मनी लांड्रिंग की असली ट्रेल तक अफसरों के हाथ नहीं पहुंचे हैं। करोड़ों रुपए आखिर किन किन लोगों के पास गए हैं। तिवारी के कई परिजन राजनीति में हैं। साथ ही यूपी से बाहर बैठकर जांच को मैनेज करने के तरीके भी खोजे जा रहे हैं।
जोनल दफ्तर में कड़ी पूछताछ, कई लोगों को नोटिस जारी करेगी एजेंसी
बैंकों की 1129 करोड़ रुपये की रकम हड़पने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व विधायक एवं सपा नेता विनय शंकर तिवारी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों के बारे में गहन पूछताछ की। ईडी ने तिवारी और उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशक अजीत पांडेय को मंगलवार शाम 6 बजे लखनऊ जेल से अपनी सुपुर्दगी में लिया, जिसके बाद से अशोक मार्ग स्थित जोनल कार्यालय में उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।
ईडी ने विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापे के दौरान 60 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे। इनमें से अधिकतर संपत्तियां, गोरखपुर, लखनऊ, मुंबई, नोएडा और दिल्ली की बताई जा रही हैं। ईडी को शक है कि इन संपत्तियों को पूर्व विधायक ने बैंकों से लिए गए कर्ज की रकम से अपने करीबियों और कर्मचारियों के नाम पर खरीदा था। फिलहाल ईडी के अधिकारियों ने इन संपत्तियों के मालिकों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। इन सभी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
करीबी परिजनों की कंपनियों में डायवर्ट की गई रकम
वहीं अजीत पांडेय ने पूछताछ में कबूला कि बैंकों से मिली रकम को पूर्व विधायक के करीबी परिजनों की कंपनियों में डायवर्ट किया गया, जिससे निजी संपत्तियों को खरीदा गया था।
बाद में इनमें से तमाम संपत्तियों को बेच दिया गया था। ईडी के अधिकारी दोनों से बची हुई संपत्तियों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं, ताकि उन्हें भी जब्त किया जा सके। बता दें कि इस मामले में ईडी अभी तक महज 103 करोड़ रुपये की संपत्तियों को ही जब्त कर सका है, जिससे बैंकों की रकम वापस मिलने की संभावना कम होती जा रही है।