बहराइच-श्रावस्ती में 2.32 करोड़ का बिजली घोटाला, विजिलेंस ने शुरू की जांच

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत हुए बहुचर्चित बिजली घोटाले में विजिलेंस ने सख्त कदम उठाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। बहराइच और श्रावस्ती जिलों में वर्ष 2005-06 के दौरान हुए 2.32 करोड़ रुपये के गबन को लेकर विजिलेंस ने दो प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इस मामले में विजिलेंस ने तत्कालीन कार्यकारी अभियंता (XEN), दो एसडीओ (SDO), 12 जेई (JE) और एक निजी कंपनी के अधिकारियों को आरोपी बनाया है। इन सभी पर भ्रष्टाचार, सरकारी धन की हेराफेरी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत बहराइच और श्रावस्ती में बिजली पहुंचाने के लिए जारी की गई राशि में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों और निजी एजेंसियों ने मिलीभगत कर धन का दुरुपयोग किया।

गौरतलब है कि इससे पहले विजिलेंस ने हरदोई जिले में भी इसी योजना के अंतर्गत गड़बड़ियों को लेकर एक केस दर्ज किया था, जिसके बाद जांच का दायरा अन्य जिलों तक भी बढ़ाया गया।

विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में नामजद सभी आरोपियों की भूमिका की बारीकी से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की कड़ी नीति के रूप में देखा जा रहा है।

योजना की साख पर सवाल

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का उद्देश्य देश के दूरदराज़ इलाकों तक बिजली पहुंचाना था। लेकिन, इस तरह की अनियमितताओं ने योजना की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को नुकसान पहुँचाया है। अब विजिलेंस की सक्रियता के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में दोषियों को जल्द ही कानून के कटघरे में लाया जाएगा।

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