संपादकीय: Corona Virus पर नए ऐलान का अर्थ
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पर नया ऐलान कर दुनिया के लोगों को राहत दी है।
Sandesh Wahak Digital Desk: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पर नया ऐलान कर दुनिया के लोगों को राहत दी है। संगठन ने इसकी भयावहता में आई कमी को देखते हुए अब इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के दायरे से बाहर कर दिया है। यह ऐलान ऐसे समय किया गया है जब दुनिया भर के देश अपनी डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जूझ रहे हैं।
सवाल यह है कि…
- क्या कोरोना का खतरा खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है?
- इस ऐलान का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?
- क्या बार-बार रूप बदलने वाले कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कहीं जल्दबाजी में तो फैसला नहीं ले लिया है?
- क्या इससे आम आदमी महामारी को लेकर लापरवाह नहीं हो जाएगा?
- क्या वैश्विक गतिविधियां फिर तेजी से संचालित होने लगेगी?
- क्या मेडिकल सुविधाओं पर फोकस करने की सरकारों की नीति पर इसका नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा?
- क्या दुनिया के देश कोरोना (Corona) पर दी गई डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं कर देंगे?
चीन के वुहान शहर से निकला था Corona Virus
चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचाई। 2019 में इसका पहला केस मिला और 2020 तक इसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया। संक्रमण की रफ्तार और मौतों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तीस जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। इसकी दूसरी लहर ने यहां खूब कोहराम मचाया। पूरी दुनिया को लंबे लॉकडाउन का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई। हर ओर मौत का तांडव दुनिया ने अपनी आंखों से देखा। श्मशान और कब्रस्तिान में शवों का अंबार लग गया। अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
स्वास्थ्य संगठन ने जारी की चेतावनी
हालांकि वैक्सीन की खोज के बाद से हालात कुछ ठीक हुए और तमाम देश अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जूझ रहे हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन का ताजा ऐलान सभी के लिए राहत देने वाला है। हालांकि यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब यह वायरस हर तीन मिनट में एक जान ले रहा है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है कि खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
लापरवाही पड़ेगी भारी
कोरोना वायरस रूप बदल कर सामने आ रहा है और संक्रमण की दर कई देशों में अचानक बढ़ जाती है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) को फैसला लेने पर थोड़ा और विचार करना चाहिए था क्योंकि उसके ऐलान का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा और लोग कोरोना को लेकर लापरवाह हो सकते हैं। इससे संक्रमण तेज गति से बढ़ सकता है। बावजूद इसके संगठन का ऐलान लोगों का खोया आत्मविश्वास वापस लाने में सहायक साबित होगा।
यह इस बात का भी प्रतीक है कि मानव किसी भी संकट से जूझने और उससे निपटने का माद्दा रखता है। वहीं इसका असर निश्चित रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकडऩे से विकास का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा।
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