लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटके, धरती हिली, लोग दहशत में…

Sandesh Wahak Digital Desk: भारत में हाल के दिनों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे लोगों के बीच चिंता बढ़ रही है। 14 मार्च की सुबह, देश के दो प्रमुख क्षेत्रों—केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश—में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय निवासी दहशत में आ गए।
लद्दाख में भूकंप: करगिल में 5.2 तीव्रता के झटके
शुक्रवार, 14 मार्च को, लद्दाख के करगिल जिले में देर रात 2 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई, जो कि एक महत्वपूर्ण स्तर है। भूकंप का केंद्र धरती से 15 किलोमीटर गहराई में स्थित था। तेज झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और ठंड के बावजूद सड़कों पर समय बिताने को मजबूर हुए। हालांकि, अब तक किसी भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
अरुणाचल प्रदेश में भूकंप: वेस्ट कामेंग में 4.0 तीव्रता के झटके
उसी दिन सुबह 6 बजकर 1 मिनट पर, अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर गहराई में स्थित था। सुबह के समय आए इस भूकंप से लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। सौभाग्य से, इस घटना में भी किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप के बढ़ते मामले: चिंता का विषय
भारत में हाल के दिनों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, धरती की सतह टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो निरंतर गति में रहती हैं। इन प्लेट्स के आपसी टकराव या घर्षण से ऊर्जा निकलती है, जो भूकंप का कारण बनती है। हालांकि, अधिकांश भूकंप मामूली होते हैं और उनसे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, लेकिन उच्च तीव्रता वाले भूकंप गंभीर क्षति पहुंचा सकते हैं।
सतर्कता और तैयारी: समय की मांग
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहना और उचित तैयारी करना अत्यंत आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन इकाइयों को चाहिए कि वे लोगों को जागरूक करें और आपातकालीन स्थितियों में उचित कदम उठाने के लिए प्रशिक्षित करें। साथ ही, भवन निर्माण में भूकंप-रोधी तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके।
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