उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में घोटालेबाजों पर कार्रवाई के दोहरे मापदंड

जौनपुर सीएमओ डॉ. लक्ष्मी सिंह को सिर्फ परिनिन्दा का दंड, छोटे कर्मियों को भ्रष्टाचार पर मिलता है निलंबन व बर्खास्तगी

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी के स्वास्थ्य विभाग में घोटालेबाज़ों पर कार्रवाई करने के मामले में दोहरा मापदंड ही नहीं इस्तेमाल होता है बल्कि रसूखदारों को मलाईदार तैनाती से भी नवाजा जाता है। भले जांच ही क्यों न जारी रहे। एक तरफ जहां भ्रष्टाचार के मामले में छोटे कर्मचारियों को सीधे बर्खास्तगी का दंड मिलता है, वहीं सीएमओ की रैंक पर बैठे अफसरों को परिनिन्दा प्रविष्टि देकर मानो पुन: घोटाला करने की छूट दी जाती है।

डॉ. लक्ष्मी सिंह

भदोही में जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के भुगतान में तत्कालीन सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने फर्जीवाड़ा किया।

जांच में वर्ष 2017 से 2021 के बीच योजना के भुगतान में गड़बड़ी न सिर्फ बेनकाब हुई बल्कि ऑडिट टीम ने जांच में आपत्ति भी जताई। महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ नरेंद्र अग्रवाल की जांच में एक नहीं कई मामलों में लाभार्थियों को अनियमित भुगतान का खुलासा हुआ। वित्तीय अनियमितताएं व चिकित्सकीय सामग्री की खरीद में वित्तीय नियमों का पालन कतई नहीं किया गया।

Brajesh Pathak
यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

डॉ. लक्ष्मी सिंह ने जननी सुरक्षा योजना में की अनियमितताएं तीन वेतन वृद्धि रोकी गईं

इन फर्जीवाड़ों पर एनएचएम एमडी के आदेश पर तत्कालीन डीएम ने भी जनवरी 2022 में त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की थी। ख़ास बात ये है कि इन फर्जीवाड़ों में हीरो डा. लक्ष्मी सिंह ने गठित जांच समिति को कोई अभिलेख नहीं दिया। जांच में सीएमओ को दोषी ठहराया गया। डिप्टी सीएम के निर्देशों पर शासन ने डा. लक्ष्मी सिंह की तीन वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकते हुए परिनिन्दा का दंड देना मुनासिब समझा।

वहीं यूपीएमएससीएल में घोटाले पर संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया था। स्वास्थ्य विभाग में छोटे कर्मियों को तत्काल निलंबन और संविदाकर्मियों को बर्खास्तगी का दंड भ्रष्टाचार पर मिलता है। लेकिन बड़े भ्रष्टों को सिर्फ परिनिन्दा।

भदोही में फर्जीवाड़े के बावजूद बनाया जौनपुर सीएमओ

भदोही में जननी सुरक्षा योजना में बतौर सीएमओ फर्जीवाड़े के बावजूद डा. लक्ष्मी सिंह को जौनपुर में सीएमओ की मलाईदार तैनाती कैसे मिल गयी। यह शासन के अफसरों पर गंभीर सवाल है। लगता है प्रदेश में सीएमओ के पदों पर सिर्फ दागी अफसरों को बिठाया जा रहा है। जबकि कई शिकायती पत्र वायरल हो चुके हैं। जिसमें सीएमओ की पोस्टिंग 40 लाख में होने के आरोप लगते हैं। एनआरएचएम घोटाले में फंसे पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव का नाम भी स्वास्थ्य विभाग की पोस्टिंग्स कराने के लिए सुखिऱ्यों में छाया है।

कई डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम ने दिये कार्रवाई के निर्देश

इसी तरह कई और डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है। फतेहपुर में डिप्टी सीएमओ डा. निशांत एस. शहाबुद्दीन की दो वेतन वृद्धि रोकते हुए परिनिन्दा, बस्ती के कैली में डा. पराग अग्रवाल की एक वेतन वृद्धि रोकते हुए परिनिन्दा, बहराइच में डा. मिथिलेश कुमार की दो वेतनवृद्धि रोकते हुए परिनिन्दा का दण्ड दिया गया है। लंबे समय से गायब डॉ. संजीव जैन, डा. अमित और डा. सतीश सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही होगी।

Also Read: नीतीश कुमार को बड़ा झटका, 5 प्रमुख नेताओं और 20 पदाधिकारियों ने छोड़ी पार्टी

Get real time updates directly on you device, subscribe now.