Dengue के बुखार में न करें यह गलतियां, कम हो सकती हैं प्लेटलेट्स
Dengue Fever Precautions: देश के कई राज्यों में इस समय डेंगू बुखार के मामले बढ़ रहे हैं, जहाँ डेंगू के कारण अस्पतालों में मरीज की भीड़ भी बढ़ रही है। वहीं इस बुखार की वजह से कुछ मरीजों की मौत भी हुई है, जहाँ डेंगू में शॉक सिंड्रोम, हेमरेजिक फीवर के कारण मौत होने का खतरा रहता है।
वहीं इन कंडीशन में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स का लेवल कम हो जाता है अगर प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो जाए तो जान का खतरा रहता है। वहीं ऐसे में डेंगू के बुखार के मरीजों को कुछ सावधानी बरतनी जरूरी है, आइए आपको बताते हैं कि डेंगू का बुखार कैसे होता है और इसके दौरान किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू का बुखार एडीज मच्छरों के काटने की वजह से होता है।
यह मच्छर दिन के समय में काटता है, वायरस की वजह से डेंगू का बुखार होता है। इसके साथ ही अधिकतर मामलों में तीन से पांच दिन में डेंगू का बुखार ठीक हो जाता है, जिसके लिए किसी खास दवा कि जरूरत भी नहीं पड़ती है, लेकिन कुछ मरीजों में डेंगू के कारण प्लेटलेट्स का लेवल गिरने लगता है। वहीं कुछ मामलों में मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग भी हो जाती है, यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। ऐसे में डेंगू के बुखार के दौरान कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है।
बरतें यह सावधानियां-
डेंगू के बुखार में खुद से कोई दवा न लें, डॉक्टर की सलाह के बिना किसी दवा को लेने से शरीर में नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही डेंगू के दौरान किसी भी घरेलू उपचार के फेर में भी न फंसे, जहाँ ऐसा करने से मरीज की तबीयत बिगड़ने का रिस्क रहता है।
डॉ नीरज के मुताबिक, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं है कि बकरी के दूध या फिर पपीते के पत्तों के रस से डेंगू ठीक हो जाता है, ऐसे में जरूरी है कि डेंगू के बुखार में खुद से ट्रीटमेंट न करें। अगर बुखार के साथ उल्टी-दस्त, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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