दिल्ली जल संकट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार तो हिमाचल सरकार ने मांगी माफी

Delhi Water Crisis Case: दिल्ली जल संकट मामले में आज उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट कहा कि बेहद संवेदनशील मामले में गलत जवाब अदालत में दिया गया। न्यायालय ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए?

न्यायालय की सख्त टिप्पणी पर हिमाचल सरकार ने मांफी मांग ली है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा कि वो हलफनामा दाखिल कर अपने जवाब को रिकार्ड से वापस लेंगे। प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि हमारी नियत सही थी, हालांकि जो जवाब दाखिल किया गया है। उसमें कुछ कमियां है। उसको ठीक किया जाएगा। कोर्ट के सामने रिकार्ड को दिया जाएगा।

कोर्ट ने स्वीकार किया हिमाचल सरकार का आग्रह

उच्चतम न्यायालय ने कहा आप यमुना बोर्ड के समाने जाकर अपनी बात को रखें। हिमाचल सरकार ने न्यायालय से कहा कि हम अपना हलफनामा वापस ले रहे हैं। इसकी जगह एक नया हलफनामा दाखिल करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार के आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनावाई के दौरान हरियाणा सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लिया। 6 जून के आदेश के मुताबिक अदालत ने सभी पक्षों को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सिंघवी जो दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए। उन्होंने न्यायालय को बताया कि वजीराबाद में पानी करार के मुताबिक मेंटेन नही किया गया। जबकि हरियाणा सरकार ने कहा की उन्होंने मुनक कैनाल के जरिए पानी को रिलीज किया है। हरियाणा सरकार ने कहा की उनके पास अतरिक्त पानी नही है। लेकिन करार 1994 के करार के मुताबिक वो दिल्ली को पानी दे रहे है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी पक्षों को सुनने के बाद हमारा मानना है। यमुना पानी का बंटवारा एक जटिल मुद्दा है। अदालत इस विषय की विशेषज्ञ नही है। ऐसे में इस मामले को यमुना रिवर फ्रंट बोर्ड को सुनना चाहिए। इस विषय में बोर्ड ने पहले ही निर्देश जारी किए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोर्ड इस संबंध में शुक्रवार को संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाए। दिल्ली सरकार की याचिका का कोर्ट ने निस्तारण किया।

पानी की बर्बादी के मुद्दे पर हमने पहले ही बहुत सारे उपाय किए

दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पानी की बर्बादी के मुद्दे पर हमने पहले ही बहुत सारे उपाय किए हैं। हम जल संकट की समस्या को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सिंघवी ने कहा कि दिल्ली जल संकट के लिए हमारे पास अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय हैं।

सिंघवी ने कहा कि हरियाणा का कहना है कि हम 52 फीसदी पानी का नुकसान कर रहे,  यह सही नहीं है। गुरुग्राम में नुकसान अधिक है। मैं चाहता हूं कि दैनिक निगरानी हो और  इसकी निरंतर निगरानी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल ने एक भी लीटर पानी नहीं छोड़ा और कोर्ट के सामने गलत बयान दिया। इस तरह के बयान की इजाजत नही दी जा सकती।

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