Delhi Election: गठबंधन की अटकलों को केजरीवाल ने किया खारिज, जानिए कांग्रेस को लेकर क्या कहा?

Sandesh Wahak Digital Desk: दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के संभावित गठबंधन की खबरें बीते दिनों सुर्खियों में थीं। हालांकि, इन चर्चाओं पर अब पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विराम लगा दिया है।

केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में साफ किया, “आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।”

दरअसल हाल ही में एक न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत फाइनल स्टेज में है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि कांग्रेस को 15 सीटें दी जा सकती हैं, जबकि 1-2 सीटें अन्य INDIA गठबंधन की पार्टियों को मिलेंगी। बाकी सीटों पर AAP अपने उम्मीदवार उतारेगी।

केजरीवाल ने इस रिपोर्ट पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि उनकी पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

AAP ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची

आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। खास बात यह है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट बदली गई है। इस बार उन्हें पटपड़गंज के बजाय जंगपुरा से चुनाव मैदान में उतारा गया है। पटपड़गंज से अब अवध ओझा को टिकट दिया गया है।

दूसरी सूची के उम्मीदवार:

  • नरेला: दिनेश भारद्वाज
  • तिमारपुर: सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू
  • आदर्श नगर: मुकेश गोयल
  • मुंडका: जसबीर कारला
  • मंगोलपुरी: राकेश जाटव धर्मरक्षक
  • रोहिणी: प्रदीप मित्तल
  • चांदनी चौक: पुनरदीप सिंह साहनी (सेबी)
  • पटेल नगर: प्रवेश रतन
  • मादीपुर: राखी बिडला
  • जनकपुरी: प्रवीण कुमार
  • बिजवासन: सुरेंद्र भारद्वाज
  • पालम: जोगिंदर सोलंकी
  • जंगपुरा: मनीष सिसोदिया

पहली सूची में छतरपुर, किराड़ी, विश्वास नगर, रोहतास नगर, लक्ष्मी नगर, बदरपुर, सीलमपुर, सीमापुरी, घोंडा, करावल नगर और मटियाला जैसे क्षेत्रों के उम्मीदवारों के नाम शामिल थे।

तो वहीं केजरीवाल के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि AAP किसी गठबंधन की बजाय अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। AAP का यह रुख उसके पिछले चुनावी प्रदर्शन और दिल्ली में मजबूत जनाधार पर आधारित हो सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने से आगामी चुनावों में मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है।

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