केजरीवाल की रिमांड पर फैसला सुरक्षित, ED बोला- हवा में तीर नहीं चलाये
Sandesh Wahak Digital Desk : जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड के आदेश को चुनौती दी थी, वहीं हाईकोर्ट में दायर याचिका में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध बताया था।
आज इसी मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई की गई। केजरीवाल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी की और ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी पर सवाल उठाए, जहां दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अरविंद केजरीवाल के वकील सिंघवी ने इस दौरान बोलते हुए कहा कि लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव शामिल हैं, जो लोकतंत्र का हिस्सा है।
इससे हमारा मूलभूत ढांचा बनता है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह निश्चित हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में नहीं शामिल हो पाएंगे। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि पहला समन अक्टूबर 2023 को भेजा गया और गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई। इससे दुर्भावना की बू आती है और इससे हमारा मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। मैं यहां राजनीतिक की नहीं, बल्कि कानून की बात कर रहा हूं। गिरफ्तारी की टाइमिंग इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है।
वहीं इस पर ED के वकील ASG राजू ने कहा कि मान लीजिए कोई इलेक्शन से 2 दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाएगी। आप मर्डर करेंगे और कहेंगे कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे मूलभूत ढांचे को नुकसान होगा। हम अंधेरे में तीर नहीं चला रहे। हमारे पास वॉट्सऐप चैट, हवाला ऑपरेटर्स के बयान और इनकम टैक्स का डेटा भी है।
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