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Sandesh Wahak Digital Desk: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई हैं। सभी दलों के नेताओं की निगाह वोटरों को अपने पाले में लाने पर टिकी हैं। वहीं दलितों की राजनीति करने वाले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद दलित वोटों में सेंधमारी की कोशिश में जुट गए हैं। वह हाथ सपा से मिलाकर चुनाव में साथ देते हैं और दलितों के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती को अपना राजनीतिक गुरु बताते हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तैयारियों में जुटीं बसपा प्रमुख मायावती ने दिल्ली को डेरा बना लिया है। माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के बढ़ते प्रभाव से मायावती चिंतित हैं। सवाल पूछे जाने पर चंद्रशेखर आजाद ने मायावती की लंबी उम्र की कामना की।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रभाव सफल उसी वक्त माना जाएगा जब दलितों का उत्थान होगा। उन्होंने बहुजन आंदोलन बढ़ाने में मायावती से आशीर्वाद मांगा। बता दें कि मायावती और चंद्रशेखर आजाद बहुजन समाज के अधिकारों की लड़ाई का दावा करते हैं। ऐसे में अलग-अलग धुरी बनाकर क्या बहुजन समाज के अधिकार की लड़ाई जीती जा सकती है? चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि दूर रहकर भी मायावती से सीख रहा हूं।
अलग-अलग होने के बावजूद उन्होंने विचारधारा में एक साथ होने की बात कही। नाइंसाफी के खिलाफ मायावती की लड़ाई और संघर्ष की सराहना करते हुए भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि महिला होने के नाते रास्ता आसान नहीं था। उन्होंने मायावती को गुरु के तौर पर आदर देने की बात कही। बहुजन की राजनीति पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि प्रयास जारी है। उन्होंने दिल्ली में बड़ा आंदोलन करने की बात कही।
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