सीएसआईआर-सीमैप किसान मेला 2025: किसानों के लिए उन्नत तकनीकी और योजनाओं की पेशकश

Sandesh Wahak Digital Desk: सी.एस.आई.आर.-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सी.एस.आई.आर.-सीमैप) ने लखनऊ स्थित अपने परिसर में 30 और 31 जनवरी 2025 को किसान मेला आयोजित किया।
इस आयोजन में देशभर से करीब 4000 किसानों ने भाग लिया और किसान मेला को “किसान कुम्भ” की संज्ञा दी गई।
मेले के दूसरे दिन, मुख्य अतिथि डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, पद्म भूषण एवं पद्म श्री सम्मानित पर्यावरणविद् और हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन के संस्थापक, ने उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए औषधीय और सगंध पौधों की खेती के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि की संभावना जताई। उन्होंने सीमैप के कार्यों की सराहना की और किसानों से औषधीय पौधों के साथ परंपरागत फसलों की मिश्रित खेती करने का आह्वान किया।
विशिष्ठ अतिथि डॉ. अजीत कुमार शासनी, निदेशक, सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एन.बी.आर.आई.) ने औषधीय और सगंध पौधों के उत्पादन में सीमैप के योगदान को मान्यता दी और किसानों से इन पौधों के मूल्य संवर्धन के लिए वैज्ञानिकों और उद्योगों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री बी.एल. मीणा ने भी किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अपने स्वागत भाषण में इस मेला के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह आयोजन उन्नत कृषि तकनीकों और प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने बताया कि सीमैप ने पिछले छह दशकों में औषधीय और सगंध पौधों की उन्नत प्रजातियाँ विकसित की हैं, जो किसानों को अधिक पैदावार और आय में वृद्धि की दिशा में मदद कर रही हैं।
इस मौके पर विभिन्न नई तकनीकी पुस्तिकाओं और बुलेटिन्स का विमोचन भी किया गया, जिनमें “औस-ज्ञान्या”, “मेंथा में समेकित कीट प्रबंधन”, और “रजनीगंधा और चमेली की उन्नत कृषि तकनीकी” शामिल हैं। किसानों को मेन्था, जिरेनियम और खस की उन्नत पौध सामग्रियों का भी वितरण किया गया।
इसके अलावा, सीमैप ने मेसर्स श्री आनंदा इंटरप्राइजेज़, बैंगलोर के साथ एरोमा मिशन के तहत सगंध तेलों की खरीद के लिए अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए। मेला स्थल पर एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों के लिए उपयोगी प्रौद्योगिकियों और योजनाओं का प्रदर्शन किया गया।
यह किसान मेला किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहां वे कृषि क्षेत्र में नवाचार और उन्नति की दिशा में एकजुट हो सके।