डीआईजी जेल के पदावनत आदेश पर कोर्ट ने लगाई रोक, शासन को झटका
नियमों को दरकिनार कर डीआईजी जेल पर प्रोन्नति दिए जाने का मामला, करीब दो माह पूर्व शासन ने प्रयागराज में तैनात डीआईजी का किया था पदावतन
Sandesh Wahak Digital Desk: डीआईजी जेल के पदावनत मामले में न्यायालय (Court) ने शासन को करारा झटका दिया है। न्यायालय ने डीआईजी जेल के पदावनत करने के आदेश पर रोक लगा दी है। करीब दो माह पूर्व शासन को गुमराह कर विभागीय अधिकारियों प्रयागराज जेल परिक्षेत्र में तैनात डीआईजी को पदावन कर वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड टू बना दिया गया था। इस आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। न्यायालय के आदेश से विभागीय अधिकारियों में हलचल मची हुई है।
बीती 28 फरवरी 2023 को जारी पदावनत आदेश में कहा गया कि डीआईजी जेल शैलेंद्र मैत्रेय (DIG Jail Shailendra Maitreya) को चयन वर्ष-2019-20 में विभागीय चयन समिति द्वारा अनुपयुक्त श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। जिला कारागार बस्ती में तैनाती के दौरान डीएम व एसपी के निरीक्षण के दौरान भारी मात्रा में अवैध वस्तुओं की बरामदी हुई थी। इस मामले में शासन द्वारा उनके विरुद्ध तीन वेतन वृद्धियां रोके जाने एवं परिनिंदा का दंड दिया गया। इस आदेश के विरुद्ध न्यायालय की शरण में गए। डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने शासन को गुमराह कर प्रोन्नति प्राप्त कर ली।
विभागीय अधिकारियों में हलचल मची
इस मामले में उन्हें शासन ने पदावनत कर दिया। इस पदावनति के खिलाफ वह न्यायालय की शरण में गए। पिछले दिनों न्यायालय (Court) ने प्रकरण की सुनवाई के बाद डीआईजी जेल (DIG Jail) के पदावनत के आदेश पर अग्रिम आदेश तक के लिए रोक लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद से विभागीय अधिकारियों में हलचल मची हुई है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
चर्चा है कि विभागीय अधिकारियों ने शासन को गुमराह कर नियमों को दर किनार कर प्रमोशन पाने के आरोप में पदावनत करा दिया। न्यायालय ने आदेश पर रोक लगाकर राहत प्रदान की।
उधर इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने न्यायालय से ऐसा आदेश आने की बात तो स्वीकार की लेकिन इस पर और कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
योग्यता के आधार पर होती है प्रोन्नति
प्रदेश के कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में प्रोन्नत प्रक्रिया योग्यता एवं मेरिट के आधार पर किये जाने का प्रावधान है। वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड वन एवं ग्रेड टू के पद पर प्रोन्नति वरिष्ठता (अनुपयुक्तों को छोडक़र) के आधार पर की जाती है। इसके अलावा डीआईजी पद पर प्रोन्नति मेरिट के आधार पर होती है। मेरिट में पात्र पाए जाने वाले अधिकारियों को ही प्रोन्नति दी जाती है।
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