भ्रष्टाचार : अवर अभियंता ने लिए साढ़े 14 लाख कमीशन
Sandesh Wahak Digital Desk : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के प्रयागराज निर्माण खंड में हुए घोटालों के नित नए खुलासे हो रहे हैं। रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से ढाई करोड़ रुपए भुगतान करने के आरोपी क्लर्क की डायरी में बड़े-बड़े अधिकारियों का लेखा-जोखा दर्ज है। कोई नहीं बचा जिसे घोटालों के कमीशन का धन नहीं जाता हो। 10 लाख रुपए से लेकर एक-एक करोड़ रुपए उगाही का लेखा जोखा दर्ज है।
इसी क्रम में एक नाम सेवानिवृत्ति अवर अभियंता का है। जिसने न सिर्फ लाखों रुपए कमीशन लिए बल्कि डायरी में रिसीप्ट का हस्ताक्षर भी कर रखा है। इनके नाम पर साढ़े चौदह लाख रुपए की निकासी हो चुकी है। बाकायदा इन्होंने रिसीव कर रखा है। अवर अभियंता के घोटालों को लेकर अपर मुख्य सचिव को शिकायत भी की जा चुकी है।
आरोपी क्लर्क की डायरी में जिक्र, अवर अभियंता ने नकारा
यह कारनामा पूर्व में बतौर अवर अभियंता तैनात रहे हरिशंकर पटेल का है। आरोप है कि पटेल नवंबर 2022 में रिटायर हो चुके हैं, लेकिन आज भी एमबी कर रहे हैं। पटेल द्वारा जो भी एमबी पर बिल बनाया जाता है, वह अनुबंध की लागत से पांच फीसदी अधिक का बनाया जाता है। पटेल ने प्रतापगढ़ मंडी क्षेत्राधिकार अनुबंध संख्या 2696, 2646, 2717, 2715 में कार्य कराया गया है, जिसमें अनुबंध संख्या 2696 में अनुबंध की लागत से 19 लाख का अधिक भुगतान एवं 2714 एवं 2715 में छह लाख रुपए अधिक का भुगतान कर दिया गया है।
वहीं अनुबंध संख्या 2644 में 45 लाख का बिना किसी सक्षम अधिकारी के स्वीकृति बगैर अनुबंध की लागत से 45 लाख का अधिक का बिल बना दिया गया है। अनुबंधों पर फर्जी रायल्टी पेपर लगवाकर ठेकेदारों को 24 लाख की रायल्टी का भी लाभ पहुंचा दिया गया। पटेल पर सीमेंट और मैक्सफाल्ट क्रय में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है।
अवर अभियंता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा एसीएस से की गई शिकायत
शिकायतीपत्र में मंझनपुर के निर्माण कार्यों का भी जिक्र है। जहां पर पांच सौ मीटर की जगह डेढ़ सौ मीटर सड़क बनवाकर पांच सौ मीटर का भुगतान करा लिया गया। इसके अलावा क्लर्क मंजीत की डायरी में भी साढ़े चौदह लाख रुपए के कमीशन का जिक्र है। पटेल ने यह पैसा क्लर्क मंजीत से 15 किश्तों में लिया था। यही नहीं डायरी में पटेल का हस्ताक्षर भी है। जो यह तस्दीक करता है, कि रुपए प्राप्त हो गया है। इस प्रकरण पर उपनिदेशक निर्माण रविंद्र यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने डायरी को लेकर अज्ञानता जाहिर की है।
क्लर्क मंजीत सिंह का आरोप निराधार है। मैं न तो ऐसी किसी डायरी के बारे में जानता हूं और न ही किसी लेखा-जोखा के बारे में-
हरिशंकर पटेल, पूर्व अवर अभियंता निर्माण खंड, प्रयागराज।
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