सहकारिता: भर्ती घोटालों से खड़ा किया करोड़ों का आर्थिक साम्राज्य, भ्रष्टों पर SIT भी मेहरबान
सेवामंडल के भ्रष्टों पर एसआईटी (SIT) मेहरबान, बड़े आरोपियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू नहीं
Sandesh Wahak Digital Desk: संस्थागत सेवामंडल के जरिये अपना आर्थिक साम्राज्य खड़ा करने वाले भ्रष्टों के खिलाफ एसआइटी (SIT) का दोहरा मापदंड सामने आया है। सहकारिता विभाग व अधीनस्थ संस्थाओं में एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के मध्य की गई सभी नियुक्तियों की जांच में एसआईटी ने बड़ा भर्ती घोटाला बेनकाब करते हुए सात मुकदमें भी दर्ज किये थे। अभी तक घोटाले के बड़े आरोपियों को गिरफ्तार करके शिकंजा भी नहीं कसा गया है।
आधा दर्जन मुकदमों में नामजद सेवामंडल के पूर्व अध्यक्ष राम जतन यादव के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामले की जांच शुरू हुई। लेकिन सेवामंडल के दूसरे पूर्व अध्यक्ष ओमकार सिंह यादव समेत बाकी दागियों के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की जांच का कोई पता नहीं है। एसआईटी (SIT) के अफसरों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है।
ओमकार के कार्यकाल में हुई लैकफेड घोटाले की शुरुआत
बाकायदा सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव की तर्ज पर भंडारण निगम के तत्कालीन एमडी ओमकार यादव पर भी कंप्यूटर एजेंसी की उस हार्ड डिस्क को गायब करने का आरोप था। जिसमें परीक्षा से संबंधित सारा डेटा था। इटावा के रहने वाले सेवामंडल के पूर्व अध्यक्ष ओमकार यादव का आर्थिक साम्राज्य बख्शी का तालाब में है। जहां करोड़ों के जीसीआरजी इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ ही जीसीआरजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भी पर्वतपुर चौराहे पर बना हुआ है। ओमकार यादव लैकफेड और भंडारण निगम के भी पूर्व एमडी हैं। इनके कार्यकाल में ही लैकफेड घोटाले की शुरुआत हुई थी।
अखिलेश सरकार में ताकतवर मंत्री थे ओमकार यादव
सहकारिता के चर्चित अफसरों में शुमार ओमकार यादव की बीकेटी में करोड़ों की कई बीघे जमीन और भी हैं। अखिलेश सरकार के दौरान सबसे ताकतवर मंत्री के बेहद करीबी रहे यादव के जीसीआरजी कॉलेज के खिलाफ ग्राम समाज की सरकारी भूमि हड़पने की जांच भी शुरू हुई थी। हाईकोर्ट ने भी पिछले वर्ष सितंबर में एसआईटी से सहकारिता विभाग के भर्ती घोटालों की प्रगति आख्या तलब की थी।
याची का आरोप था कि एसआईटी (विशेष जांच दल) ने जांच कर सेवामंडल के तत्कालीन चेयरमैन ओमकार यादव, रामजतन यादव, सचिव भूपेन्द्र विश्नोई, तत्कालीन एमडी यूपी कोऑपरेटिव आरके सिंह सहित विभागीय अधिकारियों के खिलाफ 20 मई 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अब तक मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है।
लैकफेड घोटाले के जांच अधिकारी को किया था उपकृत
सहकारिता विभाग में भर्ती घोटालों के आरोपी पूर्व एमडी ओमकार सिंह यादव ने लैकफेड घोटाले की जांच प्रभावित करने की नियत से तत्कालीन जांच अधिकारी एपी गंगवार के बेटे को भंडारण निगम में नौकरी तक दे डाली थी। हालांकि योगी सरकार के दौरान इसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
सिर्फ नाम बदला, तस्वीर नहीं
पिछले वर्ष अप्रैल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई की तर्ज पर एसआईटी (SIT) के गठन के निर्देश दिए थे। साथ ही एसआईटी का पावरफुल कानून भी बनाया जाना था। पिछले वर्ष अक्टूबर में यूपी सरकार ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का नाम बदलकर राज्य विशेष अनुसंधान दल (एसएसआइटी) कर दिया। सीबीआई की तर्ज पर एजेंसी को आज तक नहीं बनाया गया।
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