दिल्ली में 2100 रुपये वाली महिला सम्मान योजना पर विवाद, एलजी ने दिए जांच के आदेश

Sandesh Wahak Digital Desk: आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये देने की घोषणा के मामले में विवाद गहराता जा रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) सचिवालय ने डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे जांच करें कि किस तरह गैर-सरकारी लोग लोगों का निजी डेटा एकत्र कर रहे हैं। साथ ही, पुलिस कमिश्नर को ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।

शिकायतों के आधार पर जांच

एलजी सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को तीन अलग-अलग नोट जारी किए हैं। ये नोट कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा से उम्मीदवार द्वारा उपराज्यपाल से विशेष शिकायतों के साथ मुलाकात के बाद भेजे गए हैं। शिकायतों में निम्नलिखित मुद्दे शामिल हैं:

  • महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये देने की घोषणा।
  • दिल्ली में कांग्रेस उम्मीदवारों के आवास पर पंजाब के खुफिया अधिकारियों की मौजूदगी का आरोप।
  • पंजाब से दिल्ली में नकदी ट्रांसफर करने के आरोप।

आप ने बीजेपी पर साधा निशाना

तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने एलजी सचिवालय के इस कदम को बीजेपी की साजिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा महिला सम्मान योजना को रोकना चाहती है। AAP ने आरोप लगाया कि यह आदेश उपराज्यपाल कार्यालय से नहीं, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से आया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा महिलाओं का सम्मान नहीं करती और दिल्ली चुनाव में हार स्वीकार कर चुकी है। महिला सम्मान योजना को दिल्ली की महिलाओं का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।”

इसी सिलसिले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) ने भी महिला सम्मान योजना और अन्य कथित योजनाओं को लेकर जनता को सतर्क किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा कि ‘संजीवनी योजना’ नामक किसी भी स्वास्थ्य योजना का अस्तित्व नहीं है। विभाग ने बताया कि कुछ व्यक्तियों द्वारा 60 वर्ष से अधिक उम्र के निवासियों से आधार और बैंक खाता विवरण लेकर उन्हें नकली स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ जैसी कोई योजना सरकार ने अधिसूचित नहीं की है। पैसे बांटे जाने के दावे पूरी तरह से निराधार हैं। विभाग ने जनता को चेतावनी दी है कि वे अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें, क्योंकि इससे साइबर अपराध या बैंक धोखाधड़ी हो सकती है।

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