Rozgar Mela: पीएम मोदी के रोजगार मेले को कांग्रेस ने बताया ‘नौटंकी’

कांग्रेस ने रोजगार के अवसरों के कथित अभाव को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की सोमवार को आलोचना करते हुए कहा कि रोजगार मेला इसलिए आयोजित किया जा रहा है, क्योंकि पीएम मोदी अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं और अपनी छवि बचाना चाहते हैं। पीएम मोदी ने सोमवार की सुबह रोजगार मेले के दौरान युवाओं को खासकर सुरक्षा बलों में नियुक्ति के लिए 51,000 से अधिक पत्र वितरित किए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन रोजगार मेलों को ‘ईएमआई-एम्पिटी (खोखली) मैन्यूपुलेटिव (जोड़तोड़ वाली) इन्स्टॉलमेंट्स (किस्त)’ करार दिया। उन्होंने कहा कि सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वादा कर मोदी जी हमारे युवाओं को इस तरह की ईएमआई के रूप में कुछ हजार भर्ती पत्र बांट रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर उन्होंने लिखा कि ‘अगर आपको युवाओं के भविष्य की रत्तीभर भी चिंता होती तो आप प्रचार के इन हथकंडों में शामिल होकर उनकी आकांक्षाओं से खिलवाड़ नहीं करते। देश के युवा भाजपा के झूठ, जुमले और विश्वासघात को पहचान चुके हैं और वे 2024 में मोदी सरकार को बाहर का रास्ता जरूर दिखाएंगे।’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रोजगार मेलों को ‘सबसे बड़ा जुमला’ करार दिया और दावा किया कि पीएम मोदी हर वर्ष दो करोड़ नौकरी पैदा करने के अपने वादे को पूरा करने में ‘असफल’ रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर उन्होंने लिखा कि ‘हर साल दो करोड़ नौकरी देने के अपने वादे को पूरा करने में असफल रहने के बाद… नोटबंदी, गलत ढंग से तैयार जीएसटी और बिना किसी तैयारी के अचानक लॉकडाउन लगाकर एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) क्षेत्र को बर्बाद करने के बाद… नौ साल से अधिक समय तक युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं पर पानी फेरने के बाद… प्रधानमंत्री चुनावी वर्ष में मुश्किल स्थिति में है।’

जयराम रमेश ने कहा कि ‘वह अपनी बिगड़ती छवि को बचाने के लिए सबसे बड़े जुमलों में से एक- ‘प्रधानमंत्री रोजगार मेला’ लेकर आए हैं।’ उन्होंने दावा किया कि रोजगार मेलों में जो नौकरियां मिल रही हैं, वे पहले से ही स्वीकृत पदों पर मिल रही हैं, जिन्हें प्रशासनिक या वित्तीय कारणों से वर्षों से भरा नहीं गया था। ‘बहुत बड़ी संख्या में पदोन्नति के मामलों में भी प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे’ जा रहे हैं।

रमेश ने कहा कि ‘इन मेलों के माध्यम से शासन का व्यक्तिगत इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा दिखाया जा रहा है कि मानो ये नियमित नौकरियां प्रधानमंत्री की ही वजह से मिल रही हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि रोजगार सृजन आर्थिक विकास से होता है, जिसके लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार मेला सिर्फ एक नौटंकी है। यह अति अहंकार, घमंड, आत्म-मुग्धता के साथ-साथ बेरोजगारी की गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार करने का एक और प्रमाण है।’

खरगे ने दावा किया कि ताजा समाचारों से पता चला है कि इन सरकारी नौकरियों में उनके नाम भी हैं जिन्हें पदोन्नति मिली है। उन्होंने कहा कि ‘उदाहरण के तौर पर, मोहाली स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) मोहाली द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में संस्थान ने 15 नयी नियुक्तियां कीं और 21 व्यक्तियों की पदोन्नति को मंजूरी दी। उन्हें रोजगार मेला आयोजनों के दौरान भर्ती पत्र जारी किए गए थे।’

खरगे ने कहा कि मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय ने अप्रैल 2023 में अपने जवाब में कहा कि 38 लोगों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं। इन 38 में 18 पदोन्नति के मामले हैं।

 

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