Gonda News: यहां तो ‘बड़े साहब’ से मिलने के लिए घंटों बैठे रहते हैं फरियादी

Sandesh Wahak Digital Desk/A. R. Usmani: ये तस्वीरें कचहरी की नहीं, बल्कि शहर में स्थित कोतवाली देहात परिसर की हैं, जहां पाकड़ के पेड़ की छांव तले चबूतरे पर बैठकर एक अधेड़ व्यक्ति फरियादियों की तहरीरें लिख रहा है और उसके एवज में खुलेआम पचास से सौ रूपए तक वसूल रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर उन पीडि़तों की है, जो ‘बड़े साहब’ से मिलकर अपना दर्द बयां करने की आस लिए घंटों से बैठे हैं।

कोतवाली देहात में सुबह से ही लगने लगती है फरियादियों की भीड़
दरअसल, जिले की कोतवाली देहात पुलिस उस समय से लगातार सुर्खियों में बनी हुई है, जब देवीपाटन रेंज गोण्डा के आईजी अमित पाठक ने कोतवाल की कार्यशैली पर उन्हें खरी-खोटी सुनाई थी और व्यवहार व व्यवस्था में सुधार लाने का सख्त अल्टीमेटम दिया था। बताते चलें कि देहात कोतवाल पर आए दिन कार्यों एवं अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने तथा फरियादियों की उपेक्षा के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि गंभीर मामलों में भी मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज करने में यह जिले में मशहूर हैं।
सुभागपुर में दो समुदायों के बीच हुई भीषण मारपीट में दर्ज किया एनसीआर
ऐसा ही एक मामला कोतवाली क्षेत्र के सुभागपुर सेठ गांव मदरहा में 16 मार्च को सामने आया जहां दबंगों द्वारा जमकर लाठियां भांजी गयीं और ईंट-पत्थर चलाए गए, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। मामला दो संप्रदाय से जुड़ा होने के बाद भी कोतवाल संजय सिंह ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले में पीडि़ता उमा देवी पत्नी महेश नरायन द्वारा गांव के ही जाकिर, शाकिर, बकरीदी व सोनू के खिलाफ तहरीर दी गयी, जिसमें आरोप लगाया गया कि दूसरे समुदाय के दबंगों द्वारा उमा देवी व उसकी पुत्री मिथिलेश पाण्डेय को बुरी तरह पीटा गया और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
विवाद के बाद दोनों पक्षों में विवाद बढ़ा
वहीं दूसरे पक्ष की खैरूल पत्नी जाकिर द्वारा इसी मामले में तहरीर दी गयी, जिसमें महेश नरायन, उमा, मिथलेश, संजय, नीरज व अज्ञात लोगों पर घर में घुसकर 20 हजार रूपए, जेवरात उठा ले जाने तथा घर के सामानों को तोडफ़ोड़ देने का आरोप लगाया गया। दो समुदायों से जुड़ा होने के बाद भी इस गंभीर मामले में कोतवाली देहात पुलिस ने महज एनसीआर दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जबकि सूत्र बताते हैं कि इस घटना को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ है। इसी गांव में हुई मारपीट की एक अन्य घटना में भी पुलिस ने एनसीआर ही दर्ज किया है।
घंटों इंतजार के बाद भी तमाम पीड़ितों की बड़े साहब से नहीं हो पाती है मुलाकात
पीड़ित मेडिकल के मुताबिक धारा तरमीम कराने के लिए दौड़ रहे हैं लेकिन उन्हें समझाकर वापस भेज दिया जाता है। वहीं इन दोनों मामलों में पीडि़त पक्ष द्वारा देहात कोतवाली पुलिस पर तहरीर बदलवाने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि पुलिस इससे इंकार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ, सुबह से दोपहर तक बड़ी संख्या में फरियादी पाकड़ के पेड़ की छांव तले चबूतरे पर बैठे रहे। पूछने पर बताए कि बड़े साहब से मिलना है। कोतवाल के कारखास द्वारा फरियादियों को बताया गया कि साहब किसी मामले में उलझे हुए हैं। इसलिए मुलाकात मुश्किल है। दूसरे दिन आइए।
कोतवाली परिसर में रूपए लेकर लिखी जा रही तहरीर
कोतवाली देहात परिसर में स्थित पाकड़ के पेड़ की छांव तले चबूतरे पर बैठकर एक व्यक्ति सिर्फ पीडि़तों की तहरीर लिखने का काम करता है, जो फोटो में साफ दिखाई दे रहा है। उक्त व्यक्ति द्वारा फरियादियों से तहरीर लिखने का 50 से 100 रूपए तथा सुलहनामा लिखने का 200 से 500 रूपए तक वसूला जाता है। बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति थाने के अंदर बैठकर फरियादियों से रूपए लेकर तहरीर लिख सकता है?
क्या कहते हैं सीओ सिटी आनंद राय
कोतवाली देहात परिसर में बाहरी व्यक्ति को बैठाकर लोगों की तहरीर लिखाने के संबंध में सीओ सिटी आनंद राय का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है। थाने के अंदर किसी को बैठाकर तहरीर नहीं लिखाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि तमाम पीडि़त थाने पर पहुंचते हैं, जिन्हें तहरीर लिखाने की जरूरत होती है। वे बाहर से तहरीर लिखाकर ला सकते हैं। यदि कोतवाली परिसर में ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। ऐसा नहीं हो सकता है। इसे तत्काल दिखवा रहे हैं।
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