लखनऊ में चल रहे अवैध मदरसे से बाल आयोग ने छुड़ाए 21 बच्चे , होगी जाँच

Lucknow News : लखनऊ के दुबग्गा में चल रहे अवैध मदरसे से बाल आयोग की टीम ने 21 बच्चों को मुक्त कराया है। इनमें से अधिकतर बच्चे बिहार के हैं, जिन्हें दस दिन पहले ही यहां लाया गया था। ग्रामीणों की शिकायत पर टीम ने यह कार्रवाई की।

ग्रामीणों ने की थी शिकायत

अंधे की चौकी के कशमंडी रोड स्थित लालनगर खेड़ा गांव में बिना रजिस्ट्रेशन के मदरसा जमी आतुल कासिम अल इस्लामिया चल रहा था। ग्रामीणों ने बाल आयोग को शिकायत कर बताया कि मदरसे में छोटे-छोटे बच्चों को रखकर कट्टरपंथी तालीम दी जा रही है। दो कमरों के मदरसे में बच्चे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस पर बाल आयोग की टीम बुधवार शाम यहां पहुंची।

21 बच्चे हुए मुक्त

टीम ने देखा कि दो कमरों में 24 बच्चे रह रहे हैं। इनमें से 21 को मुक्त करवाकर बाल आयोग भेजा गया। बचे तीन बच्चे मदरसा संचालक मौलाना इरफान के हैं, जो उन्हें सौंप दिए गए। मौलाना का साथी शिक्षक सैफुल्लाह भी यहां काम करता है। दोनों बिहार के दरभंगा के गयारी थाना बिरौल के रहने वाले हैं।

बाल आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि इरफान आजमगढ़ के दरियापुर गांव निवासी जीशान का मकान किराये पर लेकर मदरसा चला रहे थे। टीम की पूछताछ में बच्चे अपना पता नहीं बता सके। हालांकि, यह कहा कि वे बिहार के रहने वाले हैं।

फंडिंग की होगी जाँच

बाल आयोग की सदस्य ने बताया कि मदरसे को मिलने वाली फंडिंग, आर्थिक संसाधन सहित अन्य की गहनता से जांच की जाएगी। टीम ने जब डायरी में हिंदी में लिखने के लिए कहा तो मदरसा संचालक और मौजूद शिक्षक ने बताया कि उन्हें सिर्फ उर्दू आती है। बाल आयोग की टीम को मदरसे का पंजीकरण नहीं मिला। यहां शौचालय, पीने के पानी, अग्निशमन उपकरण, प्राथमिक इलाज आदि का इंतजाम भी नहीं था।

 

Read Also : Baghpat Crime : जमानत पर बाहर आये युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, मची सनसनी

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.