बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर बवाल, हिंसक प्रदर्शनों में 6 की मौत, सभी विश्वविद्यालय बंद
ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। इन प्रदर्शनों में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 विद्यार्थी भी शामिल हैं, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए बुधवार को सभी विश्वविद्यालयों को शिक्षण गतिविधियां बंद करने और छात्रावास खाली कराने का निर्देश दिया गया है।
छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी विश्वविद्यालय बंद
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश के सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों से अगली सूचना तक कक्षाएं स्थगित करने और छात्रावास खाली कराने का आग्रह किया है। अधिकांश विश्वविद्यालयों ने तुरंत इस निर्देश का पालन किया है, हालांकि कुछ विश्वविद्यालयों ने अब तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।
ढाका विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख शहरों में भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इन प्रदर्शनों के बीच पुलिस और अर्धसैनिक सीमा बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। ढाका सहित अन्य बड़े शहरों में अर्धसैनिक बल सड़कों पर गश्त कर रहे हैं।
आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था
मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के तहत बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए 30 फीसदी नौकरियां, प्रशासनिक जिलों के लिए 10 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत, जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए पांच प्रतिशत और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए एक प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं।
प्रदर्शनकारी आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह व्यवस्था वर्तमान में गैर-बराबरी को बढ़ावा देती है और इसे संशोधित किया जाना चाहिए।