IPC, CrPC से जुड़े कानूनों में हो रहा बदलाव, आखिर क्या है मोदी सरकार की मंशा

Sandesh Wahak Digital Desk: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में भारतीय कानून से जुड़े तीन नए बिल पेश किये हैं, जिसके तहत 1860 के भारतीय दंड संहिता को बदला जाएगा और उसका नाम भारतीय न्याय संहिता होगा। वहीं दूसरा बिल क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1898 का कानून है, इसको बदलकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नाम से नया बिल लाया गया है।

इसके साथ ही तीसरा कानून इंडियन एविडेंस एक्ट जो कि 1872 का कानून है, उसमें भी बदलाव किया गया है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम से तीसरा बिल संसद में लाया गया है। बता दें संसद की स्टैंडिंग कमिटी के पास भेज दिया गया ताकी और बारीकी से अध्ययन कर कमियों को दूर किया जा सके। बता दें कई धाराएं और प्रावधान अब बदल जाएंगे, वहीं IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। इसके साथ ही 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।

इस तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। वहीं पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था। वहीं सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा, जहाँ देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं। इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।

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