खड़े होकर पानी पीने की आदत बदलें, नहीं तो हो सकते हैं गंभीर स्वास्थ्य नुकसान

पानी जीवन का मूल स्रोत है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना आवश्यक है। लेकिन पानी पीने का सही तरीका न अपनाने से फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। कई लोग खड़े होकर पानी पीते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

अर्थराइटिस का खतरा

खड़े होकर पानी पीने से शरीर में लिक्विड फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में दर्द और हड्डियों की कमजोरी हो सकती है। खड़े होकर तेजी से पानी पीने से नसें तन जाती हैं और लिक्विड फ्लूइड का बैलंस बिगड़ जाता है, जिससे अर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

किडनी की समस्या

खड़े होकर पानी पीते समय लिक्विड फ्लूइड बिना फिल्टरेशन के पेट के निचले हिस्से में तेजी से पहुंचता है, जिससे पानी की अशुद्धियाँ ब्लैडर में जमा हो जाती हैं और किडनी के फंक्शन को नुकसान पहुंचता है। इससे यूरिन इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है।

फेफड़ों पर प्रभाव

खड़े होकर पानी पीने से ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसके कारण आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पाते, जिससे फेफड़ों और दिल की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।

पाचन क्रिया पर असर

खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। यह पानी बहुत तेजी से भोजन नली से होकर सीधे पेट के निचले हिस्से में पहुंचता है, जो पाचन के लिए नुकसानदेह है।

पानी पीने का सही तरीका

पानी को आराम से बैठकर पीना चाहिए और पानी पीते समय पीठ सीधी रखनी चाहिए। छोटे-छोटे घूंट में पानी पीने से पोषक तत्व दिमाग तक पहुंचते हैं और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। इससे पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती।

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