सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Covishield Vaccine के साइड इफेक्ट का मामला, जांच के लिए स्पेशल पैनल गठन करने की मांग

Covishield Vaccine: कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट का मामला बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। याचिकाकर्ता ने वैक्सीन के जोखिम कारकों का अध्ययन करने के लिए एक स्पेशल चिकित्सा पैनल के गठन की मांग की।

एक रिपोर्ट के अनुसार वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में कोविशील्ड (Covishield Vaccine) की 175 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। Covid 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है।

युवाओं में भी हार्ट अटैक पड़ने के कई मामले सामने आए हैं। अब कोविशील्ड के डेवलपर की ओर से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं। जो बड़ी संख्या में नागरिकों को दी गई है।

एस्ट्राजेनेका ने कही थी ये बात

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि ‘वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि उसकी कोविड-19 के विरुद्ध AZD1222 वैक्सीन कम प्लेटलेट काउंट और दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्कों के जमने का कारण बन सकती है। इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था।

उच्चतम न्यायालय में दी गई याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाए और कोविशील्ट के दुष्प्रभावों की जांच की जाए। साथ ही अर्जी में कहा गया कि समिति में एम्स, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली निदेशक और एक्सपर्ट को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाए।

अधिवक्ता ने केंद्र से उन नागरिकों या परिवारों के लिए एक ‘वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली’ स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की। जिन्हें टीका लेने के बाद दुर्बल स्वास्थ्य संबंधी झटके या यहां तक ​​कि मृत्यु का सामना करना पड़ा है।

Also Read: Delhi: DPS और मदर मैरी समेत दिल्ली के 80 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, गृह…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.