Bulandshahr: PVVNL में टेंडर आवंटन के नाम पर रिश्वतखोरी का खुलासा, VIDEO वायरल

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी के बुलंदशहर में पीवीवीएनएल (PVVNL) में टेंडर आवंटन के नाम पर चल रही रिश्वतखोरी का एक ठेकेदार ने वीडियो बनाकर खुलासा किया है। वायरल हो रहे इस वीडियो में आरोप है कि टेंडर आवंटन के बदले 25% रिश्वत की डिमांड की जा रही है। इसी मामले में 50,000 रुपये की वसूली का वीडियो सामने आया है, जिसमें एसई तृतीय (SE Third) के एक बाबू को रिश्वत लेते हुए देखा जा सकता है। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी की घोषणा की गई थी।
रिश्वतखोरी का खुलासा
बुलंदशहर के पीवीवीएनएल कार्यालय में तैनात बाबू मुकेश द्वारा टेंडर आवंटन के लिए 25% रिश्वत की मांग की जा रही थी। ठेकेदार पुष्पेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि बाबू ने 8 लाख रुपये के टेंडर के बदले 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसके बाद उसने 50,000 रुपये वसूले, लेकिन बाकी रकम देने की शर्त पर बाबू ने 2.5 लाख रुपये की मांग की। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसने विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए मजबूर किया।
ठेकेदार पुष्पेंद्र चौधरी ने इस मामले की शिकायत अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल तृतीय संजीव निर्मल और उनके कार्यालय में तैनात बाबू मनोज कुमार पर रिश्वत मांगने और फाइल लंबित रखने, टेंडर निरस्त करने के आरोप लगाए थे। हालांकि, अधिकारियों ने लंबे समय तक मामले को दबाए रखा। वीडियो वायरल होने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई।
निलंबन और जांच
वीडियो के सामने आने के बाद, PVVNL की एमडी ईशा दूहन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता संजीव निर्मल और उनके कार्यालय में तैनात बाबू मुकेश को निलंबित कर दिया। इस मामले की जांच के लिए मुख्य अभियंता सुनील गुप्ता और लेखाधिकारी दिशांत लोधी से रिपोर्ट मंगवाई गई। जांच के आधार पर, विभागीय उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई की।
पीएम मोदी और सीएम योगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के बावजूद, सरकारी दफ्तरों में फाइल के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ठेकेदार पुष्पेंद्र चौधरी ने दावा किया है कि बुलंदशहर के पीवीवीएनएल कार्यालय में टेंडर आवंटन में रिश्वतखोरों का पूरा रैकेट सक्रिय है, जिसे कुछ अधिकारियों द्वारा पर्दे के पीछे संचालित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग रिश्वतखोरी का विरोध करते हैं, उनके खिलाफ फर्जी FIR दर्ज कर दी जाती है।
आगे की कार्रवाई
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की मंशा पूरी करने के लिए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। हालांकि, इस तरह के वीडियो वायरल होने के बाद ही कार्रवाई होती है, लेकिन फाइल के भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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