BRS नेता ने राहुल को बताया ‘चुनावी गांधी’, बोलीं- माहौल खराब ना करें
Sandesh Wahak Digital Desk : भारत राष्ट्र समिति (BRS) की के. कविता ने बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के नेता राहुल गांधी को ‘चुनाव गांधी’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गांधी तेलंगाना में एक पर्यटक के तौर पर आ सकते हैं। यहां के मशहूर लजीज स्थानीय भोजन ‘अंकापुर चिकन’ का स्वाद चख सकते हैं और फिर वापस जा सकते हैं।
यहां से करीब 206 किलोमीटर दूर बोधन में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राहुल से अनुरोध किया है कि वह आज से शुरू हो रही अपनी तीन दिवसीय बस यात्रा के दौरान निजामाबाद के दौरे में ‘‘अपनी अजीबोगरीब’’ बातों से लोगों में मतभेद पैदा नहीं करें। कविता ने जानना चाहा कि गांधी तेलंगाना क्यों आ रहे हैं और आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य, इसके किसानों या छात्रों के लिए कुछ नहीं किया है और वह तेलंगाना की ‘‘विकास की कहानी’’ का भी हिस्सा नहीं हैं।
राहुल गांधी नाम आपके लिए ठीक नहीं – कविता
उन्होंने कहा, ‘आपके लिए तेलंगाना में कोई जगह नहीं है। इसीलिए राहुल जी हम आपको राहुल गांधी नहीं ‘चुनाव गांधी’ ही कहना चाहते हैं। अगर आप तेलंगाना आएं तो यह नाम (राहुल गांधी नाम) आपके लिए ठीक नहीं होगा। जब आप निजामाबाद आएं तो अंकापुर चिकन खाएं जो यहां बहुत लोकप्रिय है। एक पर्यटक के रूप में यहां आने के लिए हम आपका स्वागत करते हैं और कृपया इसके बाद यहां से चले जाएं। बहुत बहुत धन्यवाद’।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीआरएस विधान पार्षद (एमएलसी) ने दावा किया कि पूर्व में जब भी सबसे पुरानी पार्टी मुख्यमंत्रियों को बदलना चाहा, तब राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे।
उन्होंने कहा, ‘आप यहां आते हैं और हिंदुओं और मुसलमानों के बारे में अजीबोगरीब बातें कहते हैं। माहौल खराब नहीं करें। तेलंगाना में अमन, चैन, सुकून और बरकत है। इस माहौल को खराब नहीं करें। यह मेरा आपसे अनुरोध है।’’
राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द पर उन्होंने कहा कि हाल में हैदराबाद में मुसलमानों ने अपना मिलाद उन नबी जुलूस स्थगित कर दिया क्योंकि यह गणेश मूर्ति विसर्जन के दिन हो रहा था। उन्होंने कहा कि समाज में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के कारण राज्य में निवेश आ रहा है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने आरोप लगाया कि करीब 65 साल तक इस क्षेत्र पर शासन करने वाली कांग्रेस लोगों को पीने का पानी तक उपलब्ध कराने में विफल रही।