सिखाने के बहाने जांघ, पेट और छाती को छूते थे बृजभूषण सिंह: महिला पहलवान
Sandesh Wahak Digital Desk: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में सेक्सुअल हैरेसमेंट और पॉस्को एक्ट के तहत दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
दूसरी ओर दिल्ली के जतंर मंतर पर पहलवानों को धरना जारी है। महिला पहलवानों ने इन एफआईआर में बृजभूषण शरण सिंह पर जो आरोप लगाए हैं उसकी जानकारी मिडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आ रही है।
रिपोर्टस के मुताबिक महिला पहलवानों ने एफआईआर में इस बात की जानकारी दी है कि किस तरह बृजभूषण शरण सिंह उनका शोषण किया करते थे। सात महिला पहलवानों में से दो ने बताया कि उन्हें गलत तरीके से छुआ जाता था।
महिला पहलवानों ने एफआईआर में बताया कि जब भी सांस लेने के तरीके के बारे में बृजभूषण उन्हें बताते थे तो गलत तरीके से जांघ, पेट और छाती को छूते थे। वह हमेशा ऐसा करने के लिए सांस लेने के तरीके के बारे में जानकारी देने का बहाना बनाते थे।
छाती और पेट को गलत तरीके से छुआ
रिपोर्ट में एक महिला पहलवान ने यह भी जानकारी दी कि 2016 में टूर्नामेंट के दौरान बृजभूषण शरण सिंह एक रेस्तरां में उसकी छाती और पेट को गलत तरीके से छुआ था। इससे वह काफी डर गई और रातभर सो नहीं सकी।
एक और महिला पहवान ने बताया कि इसी तरीके की हरकत उसके साथ एक प्रतियोगिता के दौरान हुई। वहीं एक अन्य महिला पहलवान ने आरोप लगाया कि 2018 में एक बार उन्होंने उसे इतनी जोर से गले लगाया कि वह उसकी छाती के बहुत करीब थे।
पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी है। वहीं बृजभूषण प्रांरभ से ही अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें कोर्ट और पुलिस पर पूरा भरोसा है। उनका आरोप है कि इस सबके पीछे एक बिजनेसमैन का हाथ है।
पहलवानो का धरना जारी है और उनकी मांग अभी भी वही है कि जब तक बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तब तक वे धरना देते रहेंगे। अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने ओलंपिक, एशियाई खेलों के पदक और पुरस्कार सरकार को वापस लौटा देंगे।
इन पुरस्कारों में बजरंग, साक्षी मलिक को मिला देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री भी शामिल है। बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश तीनों को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न मिल चुका है।