Bombay HC ने SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी बुच और अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR पर लगाई रोक

Sandesh Wahak Digital Desk : बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेबी की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने माना कि विशेष अदालत का फैसला बिना विस्तृत जांच और किसी की विशेष भूमिका को स्पष्ट किए बिना दिया गया था।
हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के आदेश पर लगाई रोक
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस शिवकुमार डिगे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने कहा कि 1 मार्च को जारी विशेष अदालत का आदेश केवल प्रक्रिया के तहत पारित किया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आदेश बिना गहराई से जांच किए पारित किया गया है, इसलिए इसे अगली सुनवाई तक निलंबित किया जाता है। साथ ही, शिकायतकर्ता को चार हफ्तों में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया गया है।
किन अधिकारियों ने दायर की याचिका?
हाईकोर्ट ने जिस याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई, वह सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच सहित उन अधिकारियों द्वारा दायर की गई थी, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था। याचिकाकर्ताओं में बुच के अलावा सेबी के तीन मौजूदा फुल-टाइम डायरेक्टर्स – अश्वनी भाटिया, अनंत नारायण जी, कमलेश चंद्र वार्ष्णेय – और बीएसई के दो वरिष्ठ अधिकारी – मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ राममूर्ति और पूर्व चेयरमैन व पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर प्रमोद अग्रवाल शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा?
याचिका में विशेष अदालत के आदेश को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए चुनौती दी गई है। मामला 1994 में बीएसई में एक कंपनी की लिस्टिंग के दौरान कथित धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह आदेश कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करता है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
क्यों आया स्पेशल कोर्ट का आदेश?
स्पेशल कोर्ट ने यह आदेश एक मीडिया रिपोर्टर, सपन श्रीवास्तव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिया था। श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं, नियामकीय उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) से कार्रवाई की मांग की थी।