Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का असर बढ़ाएगा भाजपा का वोट शेयर

मिशन 2024 के खातिर फुलप्रूफ सियासी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Sandesh Wahak Digital Desk : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना मोदी सरकार की फुलप्रूफ सियासी प्लानिंग का हिस्सा है। जिसने विपक्ष के इण्डिया गठबंधन के ओबीसी कार्ड के दांव को चारो खाने चित्त कर दिया है।

बिहार में राजद और जनता दल (यू) के साथ ही सपा समेत यूपी की प्रमुख पार्टियों का बड़ा वोट शेयर इस बार भाजपा की तरफ आ सकता है। इसके संकेत भाजपा के दिल्ली दरबार के हालिया फैसलों से लग गया है। सिर्फ यही नहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत हिंदी पट्टी के राज्यों में भाजपा के वोट शेयर में राम मंदिर का असर जादुई प्रभाव डालने जा रहा है।

उत्तरप्रदेश, समेत इन राज्यों में लोकसभा की करीब साढ़े तीन सौ सीटें हैं। इसके अलावा मोदी के दक्षिण दौरे ने भी भाजपा की उम्मीदों को पंख दिए हैं। पूर्वोत्तर समेत इन राज्यों में भाजपा पुन: वर्ष 2019 से बेहतर प्रदर्शन दोहरा सकती है।

2019 से बेहतर प्रदर्शन दोहरा सकती है बीजेपी

नरेंद्र मोदी जब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए थे, उससे पहले वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 18.80 प्रतिशत था और पार्टी की 116 सीटें थीं, लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व ने भाजपा का वोट शेयर 31 प्रतिशत कर दिया और 282 सीटें पार्टी को मिलीं।

भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने 336 सीटों पर विजय हासिल की। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वोट शेयर को और बढ़ा दिया। यह बढक़र 37.7 प्रतिशत हो गया और पार्टी ने अपने बलबूते पर 303 सीटों पर विजय हासिल की। मोदी चुनाव-दर-चुनाव जीत हासिल करके जनता की नब्ज को पूरी तरह समझ चुके हैं।

सिर्फ यही नहीं यूपी में मिशन 80 को देखते हुए भाजपा अब सीधे हजारों गांवों में दस्तक फरवरी से देने जा रही है। जिसके बाद ग्रामीण इलाकों में भी शहरों की पार्टी समझी जाने वाली भाजपा का कमल खिलने को पूरी तरह तैयार है।

विपक्षी दल गठबंधन बनाकर सीटों की शेयरिंग में उलझे

इस साल लोकसभा चुनाव में चंद दिन ही बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है, जबकि विपक्षी दल गठबंधन बनाकर सीटों की शेयरिंग में ही उलझे हुए हैं। नरेंद्र मोदी कोई भी मुद्दा विपक्ष के लिए छोड़ नहीं रहे हैं और हताश-निराश विपक्ष केवल घिसे-पिटे पुराने मुद्दों पर ही उन्हें घेरने की नाकाम कोशिश करता दिख रहा है।

जल्द और बड़े मास्टरस्ट्रोक खेल सकते हैं मोदी

राम मंदिर और कर्पूरी ठाकुर के मास्टरस्ट्रोक के बाद ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरकश में मु्द्दों के तीर खत्म हो गए हैं। चुनाव से पहले वो ऐसे ही और बड़े मास्टरस्ट्रोक खेल सकते हैं, जिनका अनुमान अभी लगाना बेहद मुश्किल है, क्योंकि अब तक नरेंद्र मोदी अपने निर्णयों से चौंकाते ही आए हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो फिलहाल तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई भी चुनौती मिलती नहीं दिख रही है।

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