UN में बाइडेन का आखिरी भाषण: भारत और चीन का किया विशेष जिक्र, इंडो-पैसिफिक में संबंध मजबूत करने पर दिया जोर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने कार्यकाल का आखिरी भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर चर्चा की और खासतौर पर भारत और चीन का जिक्र किया। बाइडेन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना जारी रखेगा।

अपने संबोधन में बाइडेन ने पश्चिम एशिया में संघर्ष समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को वैश्विक चुनौतियों से पीछे नहीं हटना चाहिए और दुनिया को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने भारत समेत कई देशों में इस साल हुए चुनावों को शांति और लोकतंत्र का प्रतीक बताया।

पश्चिम एशिया में संघर्ष समाप्त करने की अपील

बाइडेन ने पश्चिम एशिया में इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव और सूडान में लंबे समय से जारी गृहयुद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भी अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों के समर्थन का उल्लेख किया।

चुनावों में लोकतंत्र की जीत का किया जिक्र

बाइडेन ने अपने भाषण में दुनिया के कई देशों में हुए चुनावों को लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा, “घाना से लेकर भारत और दक्षिण कोरिया तक लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपने भविष्य का चुनाव किया है। यह दर्शाता है कि दुनिया की एक बड़ी आबादी लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है।”

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