Bareilly News: सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में बैठक को लेकर भिड़े अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और RSS के प्रचारक, हुई तीखी नोंकझोक
Bareilly News: आंवला कस्बे के सरस्वती विद्या मंदिर के परिसर में बैठक करने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व स्वयंसेवक आमने-सामने आ गए।
जानकारी मिलने पर एसडीएम और सीओ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। वार्ता के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के पदाधिकारी के बीच तीखी नोंकझोक हो गई।
मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों को शांत कर वार्ता की। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक ने इसको नियम विपरीत बताते हुए बैठक स्कूल परिसर में न करवाने की बात कही। बाद में अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के पदाधिकारी जिला प्रचारक पर हिंदू संगठन को कमजोर करने की बात कहते हुए कॉलेज परिसर से बाहर निकल आए।
RSS के जिला प्रचारक ने कही ये बात
इस पूरे मामले पर जिला प्रचारक धर्मेंद्र ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद जोकि संघ का अनुषांगिक संगठन नहीं है, समाज को भ्रमित करने के लिए संघ के विद्यालयों का उपयोग करना चाहता है। विश्व हिन्दू परिषद और अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद मिले जुले नाम होने की वजह से समाज भ्रम में रहता है।
कुछ दूषित मानसिकता के लोग अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद से जुड़कर गलत कार्यों में संलिप्त हैं, जिसकी वजह से हिन्दू संगठन बदनाम होते हैं। सामान्यतः विद्या मंदिर/शिशु मंदिरों में संघ विचार परिवार के संगठनों के कार्यक्रम होते हैं।
तथाकथित दूषित मानसिकता के उक्त संगठन को संघ का बताकर कार्य कर रहे हैं, उसको और बल देने के लिये आज विद्या मंदिर में बैठक का आयोजन किया था। जिससे संघ का संगठन बताने में सरलता हो। हम ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों को संघ के नाम का अथवा विद्यालयों उपयोग नहीं करने देंगे।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रदेश महामंत्री सुनील गुप्ता ने बताया कि जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा के नहीं है। वह महाकुंभ में अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने जा रहे थे।
इसी दौरान जिला प्रचारक ने इसका विरोध जताया। जबकि उच्च स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद से सहयोग मांगने की बात कही गई है। इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए सरस्वती विद्या मंदिर में मीटिंग का स्थान तय किया गया था।