Barabanki Lok Sabha: 47 साल में 11 बार एक ही बिरादरी का कब्ज़ा, क्या फिर से दोहराएगा इतिहास
Barabanki Lok Sabha: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक बाराबंकी सीट जिसको लेकर बीते कुछ दिनों से सियासी हलकों में माहौल काफी गरम है. और इसकी वजह है वर्तमान बीजेपी सांसद के वायरल वीडियो को लेकर.
दरअसल, बाराबंकी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बीते शनिवार को प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया था. पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया था. हालांकि, नाम ऐलान होने के अगले ही दिन यानी रविवार से उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद बीजेपी नेता ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.
हालांकि, संभावना इस बात की है कि बीजेपी इस बार भी रावत समाज से ही प्रत्याशी बनाएगी. फिलहाल, बीजेपी इस पर खामोश है. इन सबके बीच बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है डैमेज कंट्रोल करने की.
बता दें कि बाराबंकी अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीट है. इस सीट पर रावत बिरादरी की संख्या सबसे ज्यादा बताई जाती है. दावा है कि यह करीब 12 फीसदी लोग हैं. जो रावत बिरादरी के हैं. इसी वजह से पार्टी कोई भी हो, प्रत्याशी रावत समाज से ही होता है. समाजवादी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इसी समाज के उम्मीदवार के साथ चुनावी मैदान में उतरती हैं.
11 बार रावत समाज से सांसद
बाराबंकी में 47 साल के राजनीतिक इतिहास में 11 बार रावत समाज से सांसद बने हैं. यानी सन् 1977 से शुरू हुआ ये सिलसिला अभी भी जारी है. हालांकि साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर पीएल पुनिया सांसद बने थे. वह गौतम बिरादरी से आते हैं.
लेकिन साल 2014 के बाद फिर रावत समाज से ही सांसद चुने गए. साल 2014 में प्रियंका सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद बीजेपी के ही उपेंद्र सिंह रावत साल 2019 में सांसद बने. बीजेपी ने फिर उन्हें ही प्रत्याशी बनाया था. साल 2019 के चुनाव में सपा-बसपा अलायंस के प्रत्याशी रामसागर रावत नंबर 2 और कांग्रेस के टिकट पर तनुज पुनिया तीसरे नंबर पर थे.
उधर, वीडियो प्रसारित होने के बाद उपेंद्र ने चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया. अब रावत समाज से ही कई नेता टिकट की लाइन में लग गए हैं. अब रावत समाज से ही कई नेता टिकट की लाइन में लग गए हैं. साल 1980 में बाराबंकी सीट आरक्षित हुई थी. उसके बाद से साल 2009 तक रावत बिरादरी का सांसद था. इसके बाद फिर साल 2014 से ही रावत समाज का नेा ही सांसद है.
हालांकि, इस सीट पर साल 2024 का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. उपेंद्र रावत ने अपना नाम वापस ले लिया है ऐसे में बीजेपी को नए प्रत्याशी की तलाश है. विधानसभा वार देखें तो जिले की पांच सीटों में रामनगर, जैदपुर और बाराबंकी सदर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. अभी तक बसपा और सपा की ओर से इस सीट पर कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, ऐसे में निगाहें इनकी ओर भी हैं.
बाराबंकी लोकसभा से कौन रहा सांसद?
साल 1952 से 57 तक कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना, साल 1957 से साल 1971 तक रामसेवक यादव, साल 1971 से साल 1977 तक कांग्रेस के रुद्र प्रताप सिंह, साल 1977 से सन् 1984 तक रामकिंकर रावत, साल 1984 से साल 1989 तक कमला प्रसाद रावत, साल 1989 से साल 1998 तक राम सागर रावत, साल 1998 से साल 1999 तक बैजनाथ रावत, साल 1999 से साल 2004 तक रामसागर रावत , साल 2004 से साल 2009 कमला प्रसाद रावत, साल 2009 से साल 2014 तक पीएल पुनिया , साल 2014 से साल 2019 तक प्रियंका सिंह रावत और साल 2019 से साल 2024 तक उपेंद्र सिंह रावत एमपी रहे हैं.