बाराबंकी : दुकान को अवैध तौर पर ध्वस्त करने के लिए चार पुलिसकर्मी निलंबित
Sandesh Wahak Digital Desk : राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति में एक दुकान को अवैध तौर पर ध्वस्त करने के लिए थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यह निलंबन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हुआ है, जिसमें दुकान को ध्वस्त करने के कदम को ‘अवैध’ करार दिया गया था और बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। इमामबाड़ा बाजार में कपड़े की दुकान के संचालक जलील अहमद ने उच्च न्यायालय में याचिका दी थी कि जैदपुर पुलिस ने 14 अक्टूबर को गलत तरीके से उनकी दुकान ढहा दी। अहमद का अपनी दुकान के मकान मालिक के साथ कुछ विवाद था।
अहमद ने बताया कि उनका मकान मालिक, दुकान खाली करवाना चाहता था और उसी की मिलीभगत से पुलिस ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा, ‘मेरी दुकान के साथ भवन को जर्जर बताकर बिना नोटिस दिए उसे पुलिस द्वारा ढहा दिया गया। इसे ढहाने से पहले मुझे दुकान से सामान बाहर निकालने का समय तक नहीं दिया गया’।
इस सप्ताह की शुरुआत में मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की गैर मौजूदगी में इस ध्वस्तीकरण को अवैध करार दिया और बाराबंकी के एसपी को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
थाना प्रभारी समेत चार पुलिस कर्मी लाइन हाजिर
अदालत के आदेश के अनुपालन में बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने जैदपुर थाना के प्रभारी अनिल पांडेय, चौकी प्रभारी सतीश कुमार और कांस्टेबल जितेंद्र कुमार राय व प्रमोद कुमार गुप्ता को लाइन हाजिर कर दिया।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड़यंत्र रचने) और सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में उस दुकान के दो मकान मालिकों-अतीकुर रहमान और हफीजुर रहमान को भी नामजद किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अखिलेश नारायण ने कहा कि ‘राजस्व विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति में ध्वस्तीकरण में संलिप्त रहने के लिए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। उस क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी’।
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